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गंगा-यमुना के घाटों में निगरानी के लिए टीमें गठित

जागरण संवाददाता फतेहपुर गंगा व यमुना नदी में शव का जल प्रवाह पर पहले से ही प्रतिबंध है

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 06:08 PM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 06:08 PM (IST)
गंगा-यमुना के घाटों में निगरानी के लिए टीमें गठित

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : गंगा व यमुना नदी में शव का जल प्रवाह पर पहले से ही प्रतिबंध है, लेकिन वर्तमान में कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस पर सख्ती और कर दी गई है। गंगा-यमुना नदी में शवों का जल प्रवाह न हो इसके लिए डीएम अपूर्वा दुबे ने घाटों की 24 घंटे निगरानी लगाई है। दो पालियों में लगाई गई ड्यूटी का सत्यापन हो सके इसके लिए 57 जोनल मजिस्ट्रेट और 114 सह पर्यवेक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। ताकि नदियों के तट पर शवों के जल प्रवाह व रेती में दफन करने की मामलों को रोका जा सके।

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने माना है कि शवों के जल प्रवाह से नदियां प्रदूषित होती हैं। वर्तमान में भी देश के कुछ हिस्सों में जल प्रवाह की घटनाएं सामने आई हैं, जिसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस पर सख्ती बरतने की बात कही है। जिले में गंगा व यमुना के तट की रेती में शव दफनाने की परंपरा नहीं है लेकिन वर्तमान में कुछ लोग धनाभाव के कारण ऐसा चोरी-छिपे कर जाते हैं। यमुना नदी के कोर्रा कनक घाट में जल प्रवाह के मामले भी हाल ही में सामने आए हैं। उधर, गंगा नदी के शिवराजपुर, कोटिया और आदमपुर में जल प्रवाह को लेकर आवाजें उठती रहीं है। डीएम अपूर्वा दुबे ने इस ओर सख्त कदम उठाते हुए इस पर रोकथाम के निर्देश दिए हैं। किसी भी दशा में नदियों में जल प्रवाह या रेती में शव दफन नहीं किए जाएंगे अगर कोई ऐसा करता है तो उससे सख्ती से निपटा जाएगा। अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार की मदद

यदि कोविड-19 से किसी की मृत्यु होती है और मृतक के स्वजन सक्षम नहीं है तो उन्हें अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार की आर्थिक सहायता तुंरत दी जाएगी। यह सहायता गांवों में ग्राम सभा व शहरों में नगर पालिका व नगर पंचायत देगी। इसके लिए आपको गांवों पंचायत सचिव और शहरों में अधिशाषी अधिकारी को सूचना देनी होगी। संक्रमित शव का अंतिम संस्कार पीपीई किट, ग्लब्स, मास्क पहन कर किया जाएगा। जिला पंचायत राज अधिकारी अजय आनंद सरोज ने भी एडीओ के माध्यम से सभी सचिवों को इस आशय का पत्र भेजा है।


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