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तालाबों को लील रहे अतिक्रमणकारी, प्रशासन मस्त

संवाद सूत्र, गाजीपुर : सुप्रीमकोर्ट ने भले ही तालाबों में हुए अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 07:38 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 07:38 PM (IST)
तालाबों को लील रहे अतिक्रमणकारी, प्रशासन मस्त
तालाबों को लील रहे अतिक्रमणकारी, प्रशासन मस्त

संवाद सूत्र, गाजीपुर : सुप्रीमकोर्ट ने भले ही तालाबों में हुए अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए हों लेकिन कस्बे में इस आदेश का अमल नहीं हो पाया है। प्रशासन ने आदेश को रद्दी की टोकरी में डालकर कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाकर रख दी है। कस्बे के 9 प्रमुख तालाबों का जिस तरह से नक्शे में विशाल भू भाग दिखाई देता है भौतिक सत्यापन में आधा भी नहीं मिलता है। प्रशासन की मिली भगत से इन तालाबी रकबों में इमारतें खड़ी कर दी गई हैं। तालाबों में लगातार हो रहे कब्जे को लेकर प्रशासन संजीदा नहीं दिखाई दे रहा है। यह हैं कस्बे के प्रमुख 9 तालाब

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नाम - रकबा शेष - बची जमीन (बीघे में)

भिटार ताला - 18 - 09

सोनारन ताला - 08 - 03

मंदिरवा ताला - 08 - 03

भंतरवा ताला - 07 - 02

झिलमा ताला - 10 - 04

बिटखुली - 09 - 03

रूरवा ताला - 06 - 1.5

गढ़ीवा - 14 - 04

जखवा - 10 - 04 गांव के अंदर तालाबों की दशा सुधारने के लिए बिना प्रशासन के सहयोग के काम नहीं हो सकता है। वह खुद तालाबों में अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। यह काम लेखपाल और प्रशासन का है। - एजाज खां, प्रधानपति सरकारी जमीन में अतिक्रमण के लिए तीन माह पहले काम शुरू कराया गया था। कोर्ट के आदेश के सम्मान में तालाबी नंबर पर बनी इमारतों को बिना नोटिस के जमींदोज कर दिया जाएगा। तालाबों पर कब्जा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।- विदुषी ¨सह, तहसीलदार राजस्व विभाग के कर्मचारी अधिकारी सही दायित्व निर्वहन नहीं करते हैं। जिसके चलते अतिक्रमण हो रहा है। - राजेंद्र जोशी ग्राम पंचायत के प्रधानों वह और लेखपालों की मिली भगत से कब्जे हुए हैं जिन्हें कब्जा मुक्त किया जाए। राजू ¨सह - तालाबों पर अतिक्रमण हटना चाहिए और उन्हें पानी भरकर स्वच्छ किया जाना चाहिए। कल्लू साहू - तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त दिलाकर कोर्ट का सम्मान एवं जनहित के उपयोग योग्य बनाया जाए।

कमल सोनी


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