तौल के इंतजार में किसानों का सूख रहा गन्ना
संवाद सहयोगी, खागा : किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार नए-नए प्रयोग क
संवाद सहयोगी, खागा : किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार नए-नए प्रयोग कर रही हैं। आने वाले दिनों में सरकार के प्रयोग भले ही सकारात्मक भूमिका निभाएं। मौजूदा समय में अन्नदाता जो मुश्किलें उठा रहा है उसमें वह सरकार में बैठे अफसरों को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
धाता क्षेत्र में बड़े पैमाने पर गन्ना का उत्पादन होता है। हैदरगढ़ चीनी मिल द्वारा खरीद शुरू होने से महीनों पहले उत्पादन क्षेत्र का सर्वे कराया जाता है। खरीद के लिए निर्धारित केंद्रों में किसानों को पर्चियों के मुताबिक गन्ना तौल कराने की सुविधा दिलाई जाती है। बताते हैं सर्वे के दौरान ही बिचौलिए विभागीय कर्मचारियों से अपनी सेटिंग बैठा लेते हैं। गन्ना तौल कराने में किसानों को हफ्तों का इंतजार करना पड़ता है। जबकि बिचौलियों को प्रतिदिन पर्ची मिलने के साथ ही गन्ना की तौल कराई जाती है। केंद्रों में व्याप्त अनियमितता के चलते किसानों को उपज का सही मूल्य मिल पाना मुश्किल बना है। धाता ब्लाक क्षेत्र में संचालित बम्हरौली, धाता और शुकुलपुर स्थित गन्ना क्रय केंद्रों में 200 से अधिक ट्रैक्टर ट्रालियां गन्ना लादे खड़ी हैं। जिनकी तौल न होने से गन्ना सूख रहा है। किसानों का कहना था कि गन्ना सूखने पर चीनी मिल कर्मचारी तौल नहीं कराते हैं। मजबूरी में निजी गुड़ भट्ठी में किसान गन्ना बेंच देते हैं।
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मुश्किलों में घिरे क्रय केंद्र
- किसानों का कहना था चीनी मिल से पर्चियां मंगाकर गन्ना की तौल कराई जाती है। नए साल की शुरुआत से पर्चियों की आवक कम हो गई है। पर्चियों के मुताबिक ही गन्ना तौल और लो¨डग के लिए ट्रक भेजे जाते हैं। प्रतिदिन दो-तीन ट्रक ही गन्ना लोड करने आ रहे हैं। जबकि 25-30 ट्राली गन्ना प्रत्येक क्रय केंद्र में पहुंच रही हैं।
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बिचौलिए उठा रहे फायदा
- गन्ना बेंचने में किसान भले ही मुश्किलें उठा रहे हो, बिचौलिए जमकर मुनाफा कमा रहे हैं। किसानों की मानें तो क्रय केंद्रों में इनकी धौंस चलती है। क्षेत्रीय होने की वजह से किसान चाहते हुए भी इनकी शिकायत नहीं कर पा रहे हैं। खेत खाली करने के लिए किसान गन्ना की फसल काटकर केंद्र तक पहुंचा देते हैं। जहां तौल न होने की स्थिति में औने-पौने दाम पर गन्ना खरीदकर बिचौलिए लाखों की कमाई में लगे हुए हैं। क्या कहते जिम्मेदार चीनी मिल द्वारा गन्ना खरीद का जो नियम तय किया गया है। उसमे किसान के पास 72 घंटे पहले पर्ची भेज दी जाती है। नियमानुसार पर्ची के साथ गन्ना लेकर आने वाले किसानों की तौल आसानी से होती है। बिना पर्ची गन्ना लेकर आने वाले किसानों को पर्ची आने तक इंतजार करना पड़ता है।
- जीडी ¨सह, मैनेजर चीनी मिल, हैदरगढ़