'स्मार्ट गांव' बनाने में खपेगी राज्य एवं 14 वित्त की पूंजी
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: बदहाल गांवों की हालत सुधरे इसके लिए हर वर्ष राज्य एवं 14 वां वि
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: बदहाल गांवों की हालत सुधरे इसके लिए हर वर्ष राज्य एवं 14 वां वित्त की करीब ढाई अरब की पूंजी जिले की 840 गांव पंचायतों में पहुंचती है, लेकिन गांवों की तस्वीर फिर भी बदरंग हैं। गांव के मुख्य मार्ग से लेकर आंतरिक गलियां व नालियां तक बदहाली की कहानी बयां कर रही है। इसका बड़ा कारण है कि पंचायतें दी जाने वाली धनराशि को मनमाने ढंग से खर्च करती है। अब जिला प्रशासन ने एक नया प्रयास प्रारंभ किया स्मार्ट गांव बनाने की दशा में बनाए गए खाके से विकास को गति दी जाएगी।
जिला अधिकारी ने ग्राम पंचायतों की दी गयी धनराशि पर फोकस करते हुए उन कामों को कराने में प्राथमिकता दिखाई है जिनका उपयोग सार्वजनिक है, जिला प्रशासन ने तय किया कि कि प्रधान व पंचायत सचिव गांव की मुख्य सड़क, आंतरिक गलियां, नालियां, स्कूल की बाउंड्री, स्कूल में र¨नग वाटर की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। अगर गलियों व रास्तों पर किसी के द्वारा अतिक्रमण किया गया है तो उसे भी हटाया जाएगा। ऐसा करने से न सिर्फ गांवों की तस्वीर बदलेगी बल्कि गांव में रहने वालों को अनेक सुविधाएं मिलेगी और बीमारियों का ग्राफ भी गांव-गांव कम होगा। जिला अधिकारी ने अगले दस दिन के अंदर इन कामों के लिए रोडमैप बनाने का निर्देश दिया है। इसके लिए खंड विकास अधिकारी से एडीओ पंचायत तक गांव गांव की निगरानी करेंगे।
..तो फिर जमा होगा प्रधान जी का बस्ता
-जिला प्रशासन ने ऐसे प्रधानों के लिए सख्ती बरतने का निर्णय लिया है, जिनके पास पूंजी होते हुए गांव की स्थित बदहाल है। मतलब की गांव में पानी निकास के लिए नाली नहीं है,जगह-जगह जल भराव की स्थिति है। माना यह जा रहा है कि प्रशासन इनका बस्ता जमा कराते हुए यहां पर कमेटी गठित करके ग्राम सभा के विकास कार्य को तेज कराएगा।
क्या बोले जिम्मेदार..
गांव सभा के पास पैसा है, लेकिन काम कराने की कमजोर इच्छा शक्ति और काम को प्राथमिकता न देने के कारण गांव बदहाल है। अब हमने तय किया गया है पहले प्रमुखता वाले काम कराए जाएंगे इसके बाद ग्राम सभा अन्य कार्यों पर पैसा खर्च करेगी। मेरा मानना है कि इससे गांवों की दशा व दिशा सुधरेगी।
..आंजनेय कुमार ¨सह डीएम