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सीएम 2: ..तो क्या सीएम से मिलेगी हमारे दर्द की दवा

संवाद सहयोगी, ¨बदकी : बाढ़ की विभीषिका झेलने वालों में गंगा कटरी के कुछ गांव ऐसे हैं ि

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 11:27 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 11:27 PM (IST)
सीएम 2: ..तो क्या सीएम से मिलेगी हमारे दर्द की दवा
सीएम 2: ..तो क्या सीएम से मिलेगी हमारे दर्द की दवा

संवाद सहयोगी, ¨बदकी : बाढ़ की विभीषिका झेलने वालों में गंगा कटरी के कुछ गांव ऐसे हैं जिनके किसानों का दर्द कभी सुना ही नहीं जाता। यह वह किसान हैं जो विस्थापन का दर्द तो नहीं झेलते पर हजारों बीघे फसल नष्ट होने से असहनीय पीड़ा से गुजरते हैं। इन किसानों को बाढ़ से होने वाले नुकसान पर कोई मुआवजा नहीं मिलता। किसान वर्षो से अपने जेहन में इस दर्द को छिपाए कर जी रहे हैं। बाढ़ की समस्या से किसानों को छुटकारा मिलता नहीं दिखा रहा। अब सीएम के आने पर इन्हें इस बात की आशा है कि शायद इनकी बात भी उन तक पहुंच पाएगी।

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गंगा कटरी के मानिकपुर, कौड़िया, गलाथा, शिवराजपुर, कृष्णापुर, आशापुर, अभयपुर, छिवली, रानीपुर, सगुनापुर, बीकमपुर, थानपुर, कुम्हारन खेड़ा, मदोकीपुर व गुनीर जहां बस्तियां ऊंचाई वाले स्थानों में हैं। इस कारण बाढ़ से यहां रहने वाले लोगों को विस्थापन का दर्द नहीं झेलना पड़ता है। खेती गंगा तराई में होने के कारण बाढ़ आते ही हरी-भरी फसलें नष्ट हो जाती है। जिससे किसानों के परिवार आर्थिक संकट से गुजरते हैं। किसानों को बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने में मुश्किल हो जाता है। बाढ़ आने के बाद शादी के कार्यक्रम जरूर निरस्त होते हैं। बाढ़ हुए नुकसान पर किसान को सरकार की ओर से कोई मुआवजा देय नहीं होता है। शिवराजपुर प्रधान सूरज पाल यादव कहते हैं गंगा और पांडु के मध्य खेती को बाढ़ से भारी नुकसान होता है। सरकार को चाहिए कि किसानों को भी बाढ़ से नष्ट हुई फसलों पर मुआवजा देना चाहिए। बाढ़ से किसानों को होने वाले नुकसान की बात ही नहीं उठाई जाती है। कोई किसानों से बाढ़ के दिनों में हाल भी नहीं पूछता है। बीकमपुर के श्रीराम, कृष्णापुर प्रधान पवन कुमार पाल, गलाथा के किसान हरिवंश ¨सह कहते हैं बाढ़ आने आती है खेती की फसल नष्ट हो जाती है। किसानों की तमाम उम्मीदों टूट जाती हैं। वर्षो से

किसान इस दर्द को झेल रहे हैं पर कोई पूछता तक नहीं। बाढ़ भी कटरी के लिए दैवी आपदा ही है। सरकार को कटरी के किसानों की बाढ़ से नष्ट हुई फसलों का मुआवजा देना चाहिए।

लेखपालों के खेल में फंस जाता है मुआवजा

बाढ़ आने के बाद किसानों की नष्ट हुई फसलों को मुआवजा देने प्रावधान है, पर लेखपाल नष्ट हुई फसलों का सर्वे करने की जहमत नहीं उठाते हैं। इस कारण बाढ़ के दौरान नष्ट हुई फसलों को किसान को मुआवजा नहीं मिल पाता है। इस पर लेखपाल तर्क देते हैं कि बाढ़ का पानी भरा होने के कारण फसल का सही सर्वे नहीं हो पाता है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रमाकांत त्रिपाठी ने कहा प्रशासन बाढ़ से नष्ट हुई फसलों का सर्वे कराए। किसान भुखमरी के कगार पर आ गए हैं। मुआवजा दिलाया जाए।

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'बाढ़ पर मुआवजा देना होता है पर कभी-कभी सर्वे में दिक्कत के कारण समस्या खड़ी हो जाती है। कटरी के प्रभावित गांव में बाढ़ से नष्ट हुई फसलों को सर्वे कराएंगे। इस पर मुआवजा की रिपोर्ट एसडीएम सर के माध्यम से डीएम सर को भेजी जाएगी।'

प्रमेश श्रीवास्तव तहसीलदार ¨बदकी


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