फतेहपुर के कांग्रेसियों में जोश भर गई प्रियंका
जागरण संवाददाता जिले के सियासी माहौल में प्रियंका वाड्रा के दौरे से गर्माहट आ गई। पांच घ
जागरण संवाददाता : जिले के सियासी माहौल में प्रियंका वाड्रा के दौरे से गर्माहट आ गई। पांच घंटे के प्रवास के दौरान कार से सवा सौ किलोमीटर का सफर तय कर उन्होंने कांग्रेसियों में जोश भर दिया। पहली बार दोआबा की धरती पर आई प्रियंका को इंदिरा गांधी की नातिन के तौर पर देखने वाले ज्यादा संख्या में आए। वह जहां से निकली, वादे-इरादे बताकर कांग्रेस से जुड़ने का न्यौता देती रहीं। 31 साल से लोकसभा में प्रतिनिधित्व का सूखा झेल रहे जिले में कांग्रेस के लिए यह दौरा संजीवनी माना जा रहा है।
प्रियंका को देखने के लिए लोगों के बीच उत्साह कैसा था, इसका नजारा भी गजब था। बकेवर तिराहे में भीड़ के बीच खड़े 77 वर्षीय कामता प्रसाद की बस एक ही तमन्ना थी कि इंदिरा गांधी के नातिन से मिलकर यह बता दें कि हम भी पुराने कांग्रेसी हैं। चिलचिलाती धूप में वह डेढ़ घंटे तक उस राह को टकटकी लगाए रहे जिससे प्रियंका का जुलूस आना था। काफिला आते ही बूढ़ी धमनियों में जोश आ गया और वह भीड़ के चीरते हुए बढ़े और प्रियंका के हाथ मे माला थमा दी। कामता कहते रहे कि प्रियंका एकदम दादी के चेहरे से मिलती हैं। लगता है कि यह बिटिया कांग्रेस को खड़ा कर देई।
दूसरी ओर, 80 वर्षीय रामरती भी खासी उत्साहित थीं। जब उनसे पूछा कि यहां क्यों बैठी हैं तो खुद सवाल पूछने लगती हैं कि तुम्हें नहीं पता का, प्रियंका बिटिया आ रही है। आगे खड़े लोगों को हटाते हुए रामरती में प्रियंका को देखने की ललक झलक रही थी। साथ में आई नातिन सुनंदा का हाथ पकड़े बैठीं वह जोश में आकर प्रियंका को देखते हुए दोनोंहाथ उठाकर खुशी जाहिर करने लगीं। बूढ़ी अम्मा के जोश को देखकर आसपास खड़े लोग प्रियंका जिदाबाद के नारे लगाने लगे।
..........
विपक्षी लेते रहे टोह
नामांकन के चार दिन पहले प्रियंका वाड्रा के दौरे से विपक्षियों में खलबली मच गई। भाजपा, सपा व बसपा के नेता जानने में लगे रहे कि जो भीड़ सड़क पर आई है उसमें कितने वोटर हैं और कितने केवल दर्शक बनकर आए हैं। भीड़ के बीच ही विपक्षी दलों के कार्यकर्ता टोह लेने में लगे रहे।