आलू किसानों को झटका, भाव से भरपाई
नगदी फसलों में जिले में आलू की खेती सभी विकासखंडों में की जाती है। इस साल तकरीबन बीस हजार हेक्टेअर में आलू की फसल है। हसवां बहुआ खजुहा भिटौरा मलवां तेलियानी में सर्वाधिक आलू की फसल है। अगेती आलू जनवरी माह में व पिछेती की फरवरी माह में खोदाई की जाती है। ढाई से तीन लाख एमटी पैदावार के लक्ष्य में बारिश ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बाजार में अच्छे भाव का तोहफा आलू किसानों को मिला तो बारिश ने तगड़ा झटका दे दिया। लगातार हो रही बारिश व धूप न निकलने से झुलसा रोग फसल को चौपट कर रहा है। जलभराव के चलते आलू के उत्पादन में 25 से 30 फीसद की गिरावट मानी जा रही है। इस बीच किसान मौसम खुलते का इंतजार कर रहे हैं।
जिले में आलू की खेती सभी विकासखंडों में की जाती है। इस साल तकरीबन 20 हजार हेक्टेअर क्षेत्र में आलू की फसल तैयार की गई है। हसवां, बहुआ, खजुहा, भिटौरा, मलवां, तेलियानी में सर्वाधिक आलू की फसल है। अगेती आलू जनवरी माह में व पछेती की फरवरी माह में खोदाई की जाती है। ढाई से तीन लाख एमटी पैदावार के लक्ष्य में बारिश ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। ठंड के मौसम में तीन बार हुई बारिश से आलू की फसल में झुलसा रोग लग गया जिससे परेशान किसान समय से पहले ही आलू की खोदाई करा डाली। औरेई के आलू किसान राहुल द्विवेदी ने बताया कि बारिश से आलू की पैदावार में गिरावट तो आई है लेकिन दशकों बाद किसानों को जनवरी माह में आलू का भाव एक हजार रुपये प्रति क्विंटल से अधिक मिल रहा है। बहुआ के किसान रामसजीवन ने बताया कि दस बीघा में आलू की फसल किए थे, लेकिन झुलसा रोग लग गया है, मौसम के तेवर ने अच्छे भाव से मिलने वाले फायदे पर ग्रहण लगा दिया है।
भंडारण में आएगी गिरावट
दो दिन से हो रही बारिश में आलू के दाम तीन सौ रुपये प्रति क्विंटल तक उछाल गया है। थोक बाजार में शुक्रवार को आलू 13 सौ रुपये प्रति क्विंटल का बिका। बाजार भाव अच्छा मिलने से किसान भंडारण के बजाए बिक्री करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। उद्यान विभाग के अधिकारियों को मानना है कि इस बार भंडारण का प्रतिशत पिछले सालों से कम रहेगा। ज्यादतर किसान बीज का आलू सुरक्षित कर बिक्री कर रहा है। मौसम खुलने के बाद बाजार में भारी तादात में आलू आने की संभावना है।
जलभराव से फसल को बचाएं
जिलाउद्यान अधिकारी रामसिंह यादव ने कहा कि अधिक बारिश से आलू समेत अन्य सब्जियों की फसल को नुकसान पहुंच रहा है। किसानों को चाहिए कि आलू की फसल को जलभराव से बचाएं। बारिश के तुरंत बाद खेत में जाकर पानी बाहर निकाल दें। पानी का भराव न होने से आलू की फसल को नुकसान नहीं पहुंचेगा। कहा कि झुलसा रोग के लिए जिन किसानों ने पहले से ही बचाव के उपाय कर लिए है उनकी फसल सुरक्षित है।