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बाढ़ में बही सड़कों में बने मौत के गड्ढें

- बांदा-कानपुर मार्ग में ललौली व महाखेड़ा के पास खराब सड़क में तीन माह में बीस से अधिक हादसे हो गए। बाइक सवार दो युवकों की मौत के अलावा हादसों में दो दर्जन से अधिक लोग जख्मी हुए। इस मार्ग में बिदकी कस्बे में बाईपास चालू न होना भी एक बड़ी समस्या बनी है। कस्बे के अंदर से वाहन जाने से ललौली चौराहा गांधी चौराहा के पास दिन में जाम में वाहन फंसे रहते है। लंबी दूरी जाने वाले वाहनों के लिए इन दो स्थानों से निकल पाना किसी आफत से कम नहीं रहता। बाढ़ के कारण ध्वस्त हुई सड़क के निर्माण के लिए शासन से बीस लाख का बजट मांगा गया है। अस्थायी राहत के लिए गड्ढों को ईंट डालकर भरा गया है। जैसे ही बजट स्वीकृत हो जाएगा टेंडर की प्रक्रिया कर सड़क निर्माण प्राथमिकता से कराया जाएगा

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 11:15 PM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 06:10 AM (IST)
बाढ़ में बही सड़कों में बने मौत के गड्ढें
बाढ़ में बही सड़कों में बने मौत के गड्ढें

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बुंदेलखंड को राजधानी से जोड़ने वाले बांदा-कानपुर मार्ग का सफर जिले की सीमा ललौली से महाखेड़ा तक जोखिम भरा है। बाढ़ के दौरान दस दिन तक पानी में डूबी सड़क का डामर पूरी तरह से गायब हो गया है। भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क पर जानलेवा गड्ढे हो गए हैं जो हादसों का कारण बनते है। मजे की बात यह है कि इस मार्ग से नेता व अधिकारी सभी निकलते हैं, लेकिन किसी को भी यह नजर नहीं आता है। मौरंग व गिट्टी भरे ट्रक फंस जाने से जाम के चलते हर रोज दो से तीन घंटे यातायात प्रभावित रहता है।

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कानपुर महानगर व सूबे की राजधानी पहुंचने के लिए बुंदेलखंड का यह प्रमुख मार्ग है। जो बिदकी होते हुए चौडगरा के पास नेशनल हाईवे से मिलता है। इस मार्ग से प्रतिदिन तीन से चार हजार हल्के व भारी वाहन गुजरते है। यूं तो ललौली के पास डेढ़ किमी लंबाई पर सड़क तीन साल से टूटी है। हो-हल्ला मचने के बाद लोकनिर्माण विभाग ईंट आदि डालकर मरम्मत तो करा देता है जो टिकाऊ नहीं होती। पिछले दिनों यमुना में आई बाढ़ से चिल्लापुल के पास से ललौली के पास सड़क दस दिन पानी से डूबी रही। इसके बाद तो सड़क पूरी तरह से खस्ताहाल हो गई। गिट्टी उखड़ने से सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं।

हर रोज लगता जाम

बांदा-कानपुर मार्ग में तीन किलोमीटर की उखड़ी सड़क पूरे सफर को दागदार बना रही है। ललौली कस्बे के अनीस खान, नफीस, भोला, इब्राहीम, कल्लू,, जमीरूद्दीन, शकील आदि ने बताया कि गड्ढों में हर रोज दो से तीन ट्रक फंस जाने से दो से तीन घंटे जाम लगा रहता है। कस्बे के लोग कई बार सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर मुख्यालय में प्रदर्शन किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

तीन माह में हुए बीस हादसे

बांदा-कानपुर मार्ग में ललौली व महाखेड़ा के पास खराब सड़क में तीन माह में बीस से अधिक हादसे हो गए। बाइक सवार दो युवकों की मौत के अलावा हादसों में दो दर्जन से अधिक लोग जख्मी हुए। इस मार्ग में बिदकी कस्बे में बाईपास चालू न होना भी एक बड़ी समस्या बनी है। कस्बे के अंदर से वाहन जाने से ललौली चौराहा, गांधी चौराहा के पास दिन में जाम में वाहन फंसे रहते है।

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'बाढ़ के कारण ध्वस्त हुई सड़क के निर्माण के लिए शासन से बीस लाख का बजट मांगा गया है। अस्थायी राहत के लिए गड्ढों को ईंट डालकर भरा गया है। जैसे ही बजट स्वीकृत हो जाएगा टेंडर की प्रक्रिया कर सड़क निर्माण प्राथमिकता से कराया जाएगा ' आरके सोनकर एक्सईएन लोक निर्माण विभाग


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