Move to Jagran APP

दहशत में अभिभावक, कक्षाएं रहती खाली

जागरण टीम फतेहपुर कोरोना के चलते सात माह बाद विद्यालयों का ताला सोमवार को ही खुल गया

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 09:00 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 09:00 PM (IST)
दहशत में अभिभावक, कक्षाएं रहती खाली
दहशत में अभिभावक, कक्षाएं रहती खाली

जागरण टीम, फतेहपुर : कोरोना के चलते सात माह बाद विद्यालयों का ताला सोमवार को ही खुल गया था, लेकिन अभिभावकों का आपेक्षित सहयोग न मिलने के कारण चौथे दिन भी छात्र संख्या काफी कम रही। अभिभावकों को अभी भी कोविड का भय सता रहा है। इसी कारण से वह सहमति पत्र कर बच्चों को नहीं दे रहे हैं। इससे स्कूल प्रशासन और माध्यमिक शिक्षा विभाग दोनों ही परेशान हैं। वैसे तीसरे दिन की 14 फीसद उपस्थिति चौथे दिन बढ़कर 17 फीसद तक पहुंची है।

loksabha election banner

माध्यमिक शिक्षा विभाग के राजकीय, सवित्त और मान्यता प्राप्त वित्तविहीन विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 तक 1,33,814 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। पंजीकृत बच्चों में 50 फीसद बच्चों को विद्यालय बुलाने का निर्देश है। विद्यालयों ने कक्षावार 50 प्रतिशत या फिर कक्षा 9 और 10 एक दिन और फिर कक्षा 11 और 12 दूसरे दिन व्यवस्था बनाई है। पहली पॉली की कक्षाएं सुबह 8:50 से 11:50 तथा दूसरी पॉली में 12:20 से 3:20 बजे तक संचालित हुईं। सरकारी स्कूलों की अपेक्षा प्राइवेट स्कूलों में हाजिरी का प्रतिशत ज्यादा है।

अ‌र्द्धवार्षिक परीक्षाएं भी बनी परेशानी

अभिभावकों की मर्जी पर बच्चों को विद्यालय बुलाने का आदेश है। आने वाले समय में हर विद्यालय में अद्धवार्षिक परीक्षा कराई जानी है। ऐसे में यह चिता का विषय बना हुआ है। बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं और किस पद्धति से परीक्षा कराई जाए इसको लेकर चितन चल रहा है। वहीं न खुलने वाली कक्षाओं में परीक्ष सामग्री कई विद्यालयों में वितरित की जा जरही है। टाइम टेबल के अनुसार प्रश्नपत्र वाट्सएप पर भेजा जाएगा और निर्धारित समय में उत्तर पुस्तिका की फोटो वाट्सएप में भेजने के निर्देश हैं।

ऑनलाइन पढ़ाई पर निदेशक ने दिया जोर

शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने बुधवार को एक आदेश जारी करके कहा है कि ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था को चालू रखा जाए। विभिन्न पद्धतियों से हो रही ऑनलाइन पढ़ाई को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। उनका प्रशिक्षण भी कराया जाए। प्रशिक्षण में राजकीय इंका से 2 प्रवक्ता, 2 सहायक, राजकीय हाईस्कूलों से 2 सहायक अध्यापक, सहायता प्राप्त स्कूलों से 1 सहायक अध्यापक को वाट्सएप में जोड़ा जाए। प्रश्नगत प्रशिक्षण में शामिल किए जाने वाले शिक्षकों की सूची तत्काल भेज दी जाए।

.................

कोरोना की जो भयावहता है उससे इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए बच्चे को स्कूल भेजने में डर लगता है।

इंद्र नारायण मिश्रा तमाम व्यवस्थाओं के पुख्ता इंतजाम के बीच विद्यालय खोले गए हैं यह सही बात है। घर से बाहर बच्चों की लापरवाही कौन रोके सकेगा।

नीलिमा वर्मा भय इस बात है कि आदेश की धज्जियां भी जिम्मेदार खूब उड़ाना जानते हैं। शुरुआत में रोकथाम के तमाम काम हो रहे हैं। बाद में सब ठंडे बस्ते में चले जाएंगे।

पिटू सिंह चौहान संचालन के लिए शासन ने जो नियम बनाए हैं विद्यालय उसका पालन लंबे समय तक करे। अभिभावकों में जब विश्वास पैदा होगा तभी बच्चे स्कूल पहुंचेंगे।

अतुल कुमार

...............

कोरोना की बीमारी में जागरूकता और बचाव करके हम इससे बच सकते हैं। इस इसी ध्येय के साथ विद्यालयों का संचालन शुरू कराया गया है। वहीं हर विद्यालय में सैनिटाइजेशन, मास्क, थर्मल स्कैनिग की व्यवस्था कराई गई है। विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि वह अभिभावकों से बात करें और उनके भय तथा जिज्ञासा को शांत करके बच्चों को सहमति पत्र के साथ विद्यालय बुलाएं।

महेंद्र प्रताप सिंह, डीआइओएस


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.