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सरकारी अस्पताल में आक्सीजन है पर इलाज नहीं, निजी में किल्लत

जागरण संवाददाता फतेहपुर सरकारी अस्पतालों में जहां ऑक्सीजन मौजूद तो है पर गंभीर मरीजों

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 05:07 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 05:07 PM (IST)
सरकारी अस्पताल में आक्सीजन है पर इलाज नहीं, निजी में किल्लत
सरकारी अस्पताल में आक्सीजन है पर इलाज नहीं, निजी में किल्लत

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: सरकारी अस्पतालों में जहां ऑक्सीजन मौजूद तो है, पर गंभीर मरीजों के उपचार का इंतजाम नहीं है। कुछ निजी अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं हैं, लेकिन वहां ऑक्सीजन का संकट है। ऐसे में कारगर उपचार देने के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई। कुछ नर्सिग होम के पास ऑक्सीजन है पर वह उसका डबल चार्ज वसूल रहे हैं, लेकिन तीमारदार बेबस हो मनमाना शुल्क अदा करने के लिए मजबूर हैं।

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जिले भर में अधिकृत तौर पर 56 नर्सिंग होम संचालित हैं। इनमें कई नर्सिंग होम लग्जरी सुविधाओं वाले भी हैं। कोरोना के साथ अन्य तरह की बीमारियां भी बराबर से चल रहीं हैं। निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन खपत के अनुसार प्रतिमाह मंगाई जाती है, अब जब बाजार में इसकी कमी छा गई है तो उन्हें ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं मिल रही। कई नर्सिंग होम संचालकों की माने तो उनके आर्डर 20-20 दिन से लंबित हैं। कानपुर की मुरारी गैसेज व कई अन्य फर्मे सप्लाई देती थीं, लेकिन इधर सप्लाई नहीं मिल पा रही है। इससे निजी अस्पतालों में भर्ती गंभीर बीमारों से पीड़ित मरीजों की सांसे फूल रही है। उधर कोरोना के गंभीर मरीजोंके उपचार का कोई सरकारी इंतजाम नहीं है, जिसके कारण उन्हें भी बड़े शहरों के अधिकृत निजी कोविड अस्पतालों की शरण लेनी पड़ रही है।

छोटा ऑक्सीजन सिलिडर 60 रुपये हुआ महंगा

जिले में सर्वाधिक उपयोग ऑक्सीजन के छोटे सिलिडरों का होता है। निजी अस्पताल हो या फिर होम आइसोलेशन वाले मरीज इन्हीं का इस्तेमाल करते हैं। यूं तो ऑक्सीजन कानपुर से आती है, लेकिन शहर के बाकरगंज में एक पेटी डीलर है जो कि कानपुर से यहां सप्लाई देता है। अब तक छोटा ऑक्सीजन सिलिडर 180 रुपये में भर जाता था, लेकिन अब यह भी लेट लतीफी के साथ 240 रुपये में उपलब्ध होता है।

आइसोलेशन वाले संक्रमितों को नहीं मिल रहा सिलिडर

सरकार ने कोरोना के बिना लक्षण वाले मरीजों को घर में ही 10 दिन के उपचार की सुविधा दी है। ऐसे लोगों को उपचार के संसाधन घर में जुटाने पड़ते हैं। जिसमें ऑक्सीजन सिलिडर की अनिवार्य है। जब निजी क्षेत्र में ऑक्सीजन की कमी है तो उन्हें भी सिलिडर के लिए जूझना पड़ता है।

निजी अस्पतालों में उपचार का खर्च

खर्च का मद-----खर्च

डॉक्टर फीस--500 से 1000 रुपये तक

बेड चार्ज--250 से 1250 रुपये तक

ऑक्सीजन --1000 से 1200 रुपये तक

वेंटीलेटर --5000 से 10000 रुपये तक

फाइल खर्च--5000 से 1500 रुपये तक

नर्सिंग चार्ज--1000 से 2000 रुपये तक

(नोट- यह खर्च 24 घंटे के लिए हैं। वर्तमान में हर मद में ऑक्सीजन किल्लत बताकर 100 से दो सौ रुपये इजाफा किया गया है।)


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