मानक तय नहीं, दौड़ रहे ओवरलोड ट्रक
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : मौरंग घाटों का संचालन शुरू होते ही मौरंग ओवरलोड वाहनों क
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : मौरंग घाटों का संचालन शुरू होते ही मौरंग ओवरलोड वाहनों की धमाचौकड़ी शुरू हो गई है। खनन व पुलिस की मिलीभगत से घाट से ही वाहनों में मानक से दूना मौरंग भरी जा रही है। मानक में शिथिलता की आड़ में ओवरलोड का खेल पुलिस व विभाग के लिए कमाई का जरिया बन गया है। शासन ने ओवरलोड रोकने के लिए मौरंग घाटों से ही निर्धारित मात्रा से अधिक न देने की व्यवस्था दी है, लेकिन उसका अनुपालन नहीं हो रहा है।
मौरंग घाटों का संचालन एक अक्टूबर से चल रहा है। ओवर लोड की स्थिति यह है कि बांदा-टांडा मार्ग, बांदा-कानपुर मार्ग सहित अन्य मार्गों में निर्धारित मानक से दूना व ढाई गुना मौरंग ढोई जा रही है। ट्रक संचालकों का कहना है कि एक तरह की व्यवस्था न होने से मानक पर मौरंग लाने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बांदा-कानुपर मार्ग में ¨बदकी क्षेत्र में तो पुलिस के तार इस तरह से फैले हैं कि सुविधा शुल्क जमा करने वालों के ट्रक सीधे निकाल दिए जाते है। नेटवर्क से बाहर रहने वालों पर ओवरलोड पर कार्रवाई की जाती है। व्यवस्था यह है कि मौरंग का ओवरलोड ट्रक मिलने पर पुलिस खनन विभाग को सूचना देकर ही कार्रवाई करेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। लाभ का सौदा मानकर पुलिस ओवरलोड पर अन्य कारण दिखाकर कार्रवाई कर रही है।
मानक तय कर दिया गया है
खनन अधिकारी सौरभ गुप्ता ने कहा कि मौरंग घाटों से ओवरलोड वाहन रोकने के लिए मानक तय कर दिया गया है। उससे अधिक मौरंग लोड करने का मामला पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाएगी। कहा कि एआरटीओ के माध्यम से नये मानक की जानकारी भूखंड संचालकों को दी जा रही है। पूर्व में ट्रैक्टर ट्राली में चार घनमीटर, टस टायरा में 9 घनमीटर, बारह टायरा में ग्यारह व चौदह टायरा में तेरह घनमीटर का निर्धारण था जिसमें कुछ शिथिलता दी गई है।