सीसीटीवी कैमरे बंद कर खेला जा रहा खनन का खेल
जागरण संवाददाता फतेहपुर मौरंग खनन में मनमानी नई बात नहीं है लेकिन जिले में खनन के सार
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : मौरंग खनन में मनमानी नई बात नहीं है, लेकिन जिले में खनन के सारे नियमों को ताक पर रखकर खनन किया जा रहा है। शहर के दक्षिणी गौतम नगर निवासी विकास पांडेय की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) ने प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए डीएम को उपचारात्मक कार्रवाई का निर्देश दिया। जिले भर में सीसीटीवी कैमरों से छेड़छाड़कर अवैध खनन किया जा रहा है।
एनजीटी के अध्यक्ष न्याय मूर्ति आदर्श कुमार गायेल ने कहा है कि संपोषणीय खनन प्रबंधन दिशा-निर्देश 2016 और उत्तर प्रदेश खनन नियमावली 1963 का उल्लंघन करके भारी मशीनों का उपयोग करके अवैध खनन किया जा रहा है। डीएम इस पर रोक लगाएं। बड़ा सवाल यह है कि जब मौरंग खदानों में सीसीटीवी कैमरे ही खराब कर दिए गए हैं और उन्हें सही मोड में नहीं लगाया गया तो फिर अवैध खनन कैसे पकड़ में आएगा। जिले के हर घाट में सीसीटीवी कैमरे सरकार के निर्देश के क्रम में नहीं लगे है। अभी अढ़ावल-11 की बात की जाए तो यहां पर दो बार जांच पड़ताल हुई, कोर्रा कनक और रानीपुर खंड में भी जांच हुई लेकिन सीसीटीवी कैमरों में वह रिकार्डिंग नहीं मिली जिसके वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हुए लेकिन जागरण इन वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। इस तरह लगना चाहिए सीसीटीवी कैमरा
भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय की नियमावली के आधार पर मौरंग खदान की चेकपोस्ट गेट पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा होना चाहिए जिससे यह तय हो सके कि खदान से निकले वाले वाहन ओवरलोड नहीं है। दूसरा कैमरा खनन क्षेत्र की सीमा को कवर करते हुए लगना चाहिए जिससे खनन की पूरी तस्वीरें स्पष्ट हों। यह खदानें वर्तमान में संचालित
कोर्रा, अढ़ावल कंपोजिट-एक, अढ़ावल कंपोजिट-दो, रामनगर कौहन, गढ़ीवा मझिगंवा की खदानें वर्तमान में चालू हैं। जबकि वर्तमान में ओटीपी बंद होने के कारण बारा, सलेमपुर, रानीपुर-2, अढ़ावल-11, अढ़ावल-एक व गढ़ीवा-मझिगांवा-2 की खदानें बंद है। मौरंग खनन पर निगरानी की जा रही है, पट्टा निरस्तीकरण नोटिस, जुर्माना, मुकदमा जैसी कार्रवाईयां की गई हैं। सीसीटीवी कैमरों की जांच भी जाती है और सख्ती बरती जाएगी।
अजीत पांडेय, खनन इंस्पेक्टर