कोर्रा भूखंड में जलधारा से हो रहा खनन, विभाग बेखबर
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के बाद भी मौरंग भूखंडों से अवैध ख
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : सीसीटीवी कैमरों की निगरानी के बाद भी मौरंग भूखंडों से अवैध खनन थम नहीं रहा है। कोर्रा भूखंड में रेत को छोड़ जलधारा में पोकलैंड मशीनें लगाकर मौरंग निकाली जा रही है। इससे यमुना की जलधार खनन क्षेत्र में दो भागों में बंट गई हैं। मशीनों से ही खनन होने को विरोध करते हुए ग्रामीणों ने डीएम से शिकायत करते हुए कहा कि क्षेत्र के गरीब मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा।
यमुना के कोर्रा घाट में एक सप्ताह पहले ही खनन की अनुमति मिली है। अधिक से अधिक मौरंग निकासी की होड़ में मानक को किनारे कर खनन कार्य किया जा रहा है। यमुना की जलधारा किसी तरह से प्रभावित न हो इसके लिए एनजीटी ने खनन के मानक पर तय किया है कि जलधारा से दस मीटर दूर ही खनन किया जाए। बताते है कि अच्छी मौरंग निकालने के लिए संचालकों ने जलधारा में पोकलैंड मशीनें लगाकर खनन कार्य कर रहे है। जलधारा के पास तक वाहन ले जाने के लिए रास्ता भी बना लिया गया है। कोर्रा के पास जलधारा से मौरंग निकालने के चलते यमुना की धारा दो भागों में बंट गई है। यमुना किनारे ही जलधारा से निकाली गई मौरंग बड़ी मात्रा में डंप हैं। गांव के लोगों ने मशीनों से खनन का विरोध करते हुए डीएम से जांच कराने की मांग की है। कहा कि आस-पास के गांवों के मजदूरों को खनन में काम नहीं दिया जा रहा है। जब कि यह था कि खनन शुरू होने पर ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा।
क्या बोले जिम्मेदार
खनन अधिकारी सौरभ गुप्त ने कहा कि कोर्रा भूखंड अभी एक सप्ताह पहले ही चालू हुआ है। जलधारा से खनन की शिकायत तो नहीं मिली फिर भी यदि ऐसी बात सामने आ रही है तो मौके पर टीम भेजकर जांच कराई जाएगी। जलधारा से किसी भी कीमत पर खनन नहीं होना चाहिए। कहा कि ओती में अवैध खनन की शिकायत में जांच कराई गई तो मौके पर कुछ नहीं मिला।