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टोल पर लगता जाम, सेंसर नहीं कर रहे काम

जागरण टीम फतेहपुर परिवहन मंत्रालय ने पंद्रह फरवरी से एक बार फिर टोल प्लाजा पर फास्

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 11:29 PM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 11:29 PM (IST)
टोल पर लगता जाम, सेंसर नहीं कर रहे काम
टोल पर लगता जाम, सेंसर नहीं कर रहे काम

जागरण टीम, फतेहपुर : परिवहन मंत्रालय ने पंद्रह फरवरी से एक बार फिर टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य करना तय किया है। पहले एक जनवरी से अनिवार्य होना था, लेकिन व्यवस्थाएं पूरी न होने से टोल संचालकों को 45 दिन का समय दिया गया। शनिवार को कानपुर-प्रयागराज हाईवे के बड़ौरी व कटोघन टोल प्लाजा की पड़ताल की गई तो देखा गया कि सेंसर अब भी दगा दे रहे हैं, जिससे फास्टैग वाली लेन में रेंगते हुए वाहन निकल रहे थे। दोपहर में तो जाम की स्थिति बन गई। फास्टैग लगा होने के बाद भी टोल कर्मी को हैंड मशीन से स्कैन करना पड़ रहा था।

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²श्य एक : दोपहर एक बजे कटोघन टोल प्लाजा से 20 फीसदी वाहन बिना फास्टैग वाले गुजर रहे हैं। प्रयागराज-कानपुर रूट पर दो महीने पहले ट्रेलर की टक्कर से दो टोलबूथ क्षतिग्रस्त हो गए थे। सेवा प्रदाता वॉन कंपनी द्वारा कर्मचारियों की मदद से दोनों बूथ के अंदर नई मशीनें लगवाई जा रही थी। फास्टैग स्कैन करने के लिए टोल कर्मचारी हाथ मशीन का उपयोग करते नजर आए। फास्टैग लेन में छत पर लगा सेंसर भी वाहनों पर लगी चिप स्कैन करने में दिक्कत कर रहा था। एक कर्मचारी वाहनों को आगे-पीछे कराते हुए स्कैन का प्रयास कर रहा था।

----------- ²श्य दो : दोहपर दो बजे बड़ौरी टोल प्लाजा के अप-डाउन के सभी लेनों में वाहन रेंगते हुए चल रहे थे। बिना फास्टैग वाली लेन से बड़ी संख्या में वाहन निकल रहे थे। बूथ के पास एक वाहन खड़ा होने पर पीछे लंबी लाइन लग गई। फास्टैग वाली दो लेन का सेंसर काम नहीं कर रहा था। जिस लेन में सेंसर काम कर रहे थे उसमें भी स्थिति यह थी कि सेंस्टर फास्टैग का स्कैन ही नहीं कर पा रहा था। टोल कर्मी को हैंड मशीन कई बार ऊपर-नीचे करना पड़ा तब जाकर फास्टैग काम कर पाया। क्या बोले जिम्मेदार

- टोल मैनेजर पंकज पांडेय ने बताया कि दोनों टोल बूथ तैयार होने के बाद व्यवस्थाएं पूर्ण रूप से मजबूत हो जाएंगी। स्थानीय वाहनों पर फास्टैग न लगे होने से कैश लेन व्यस्त रहती है। टोल पर ही अलग-अलग तीन कंपनियों के कर्मचारी फास्टैग बनाने के लिए बैठे रहते हैं। प्रतिदिन आठ-दस की संख्या में फास्टैग बनाकर वाहन चालकों को दिए जाते हैं।


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