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सीवर सुविधा न होने से शहर बन जाता टापू

जागरण संवाददाता, फतेहपुर :विकास के दावों के बीच का एक सच देखना हो तो यहां पर आइये,

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 05:09 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 05:09 PM (IST)
सीवर सुविधा न होने से शहर बन जाता टापू
सीवर सुविधा न होने से शहर बन जाता टापू

जागरण संवाददाता, फतेहपुर :विकास के दावों के बीच का एक सच देखना हो तो यहां पर आइये, शहर की सड़कें साफ हों चौड़ी हों दावा सरकार के हर नुमाइंदे का है, पर शहर की मूल समस्या के बारे में बात करने की जरूरत कभी किसी ने समझी ही नहीं। घरों के नाबदानों से निकलने वाला गंदा पानी कहां जाएगा, इसको सोचने की जरूरत कभी किसी को नहीं पड़ी। हाल यह है कि कभी शहर से सुव्यवस्थित रूप से गंदे जल की निकासी के लिए सीवर लाइन के बारे में किसी को विचार आया ही नहीं। हाल यह है कि बरसात की बात तो छोड़िए, आम दिनों में शहर के तमाम मोहल्लों में गंदा पानी शहर की कुव्यवस्था का बयान करता दिखाई देता है।

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शहर का ड्रेनेज सिस्टम अच्छा न होने के चलते जगह जगह जलभराव हो रहा है। शहर में बरसात के दिनों में रानी कॉलोनी, तांबेश्वर नगर, आबूनगर, ककरहा, ¨बदकी बस स्टाप, मुराइन टोला हनुमान मंदिर, महिला डिग्री कॉलेज, आईटीआई कैंपस, चतुरी मुराइन का पुरवा, मलिन बस्ती रेलबाजार, दक्षिणी गौतम नगर आदि मुहल्ले जलभराव की समस्या से जूझते रहते हैं। घरों में पानी घुस जाता है। लोगों का सामान खराब हो जाता है जिसके चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लोगों में प्रशासनिक विफलता को लेकर आक्रोश व्याप्त है। चेयरमैन नजाकत खातून का कहना है कि ड्रेनेज सिस्टम के लिए मिले धन से नाले बनवाए गए हैं। लेकिन अभी तमाम नालों के बनाए जाने की जरूरत है। जिसका डीपीआर बनाकर शासन को भेजा जाएगा।

तहसील और कस्बों में भी है हालत खराब

खागा और ¨बदकी तहसील का ड्रेनेज सिस्टम बदहाल है। इसको सुधारने के प्रयास नहीं हो पाया है। जिसके चलते गंदा पानी परेशानी का सबब बना हुआ है। बहुआ, किशुनपुर हथगाम, जहानाबाद नगर पंचायतों में ड्रेनेज सिस्टम पर प्रशासन और जन प्रतिनिधियों की नजरें इनायत नहीं हो पाई हैं। विकास के तमाम कार्यों में नाला एवं जल निकासी की समस्या को संज्ञान में नहीं लिया गया है। नगरीय क्षेत्र का तमगा मिलने के बाद भी जलभराव की समस्या शहरियों को मुसीबत में डाले है।

झलकियां

- दो साल पहले नाला निर्माण को मिले थे 28 करोड़

शहर में नाला बनाए जाने के लिए दो साल पहले तत्कालीन डीएम के प्रयास से 28 करोड़ रुपये मिले थे। सुस्त गति से हो रहे नाला निर्माण का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। शहर में जगह जगह खोदाई का काम चल रहा है। निर्माण प्रक्रिया चलने के चलते अभी तक जलभराव से राहत नहीं दिलाई जा सकी है।

- पालिका के नालों का कनेक्शन नहीं

शासन द्वारा नगर पालिका को मिले धन के बाद नालों का निर्माण कराया जा सका है। शहर में करोड़ों रुपयों का व्यय हो चुका है लेकिन जल निकासी को दुरुस्त नहीं किया जा सका है। मिशाल के तौर पर सपा कार्यालय रोड में बनाए गए नालों का कनेक्शन न होने से समस्या का हल नहीं निकल जा सका है।


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