शारीरिक क्षमता बढ़ाने को घरों में बढ़ी अंडों की खपत
मॉस्क के जरिए कोरोना के प्रभाव से लोगों को बचाव का तरीका बताया गया है। मॉस्क के जरिए कोरोना के प्रभाव से लोगों को बचाव का तरीका बताया गया है।मॉस्क के जरिए कोरोना के प्रभाव से लोगों को बचाव का तरीका बताया गया है।मॉस्क के जरिए कोरोना के प्रभाव से लोगों को बचाव का तरीका बताया गया है।मॉस्क के जरिए कोरोना के प्रभाव से लोगों को बचाव का तरीका बताया गया है।मॉस्क के जरिए कोरोना के प्रभाव से लोगों को बचाव का तरीका बताया गया है।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोरोना से संक्रमण से बचने के लिए अंडा खाने वालों के बीच इसकी खपत तेज हो गई है। बाजारों में रेहड़ी और खोमचा की दुकानें न खुलने के कारण कामर्शियल खपत कम हो गई है जबकि घरों में इसका उपयोग तेजी से हो रहा है। खास बात यह है कि कोरोना वायरस के संकट के दौरान अंडे की कुल मिलाकर खपत कम हो गई है और दामों में कोई परिवर्तन नही हुआ है।
संक्रमण से बचने के लिए प्रोटीन से भरपूर अंडों के उपयोग खूब किया जा रहा है। होटल, रेस्टोरेंट, ठेलिया, खोमचा आदि न लगने के कारण बाजार में इनकी खपत कम हो गई है। इम्यून सिस्टम को बढ़ाने के लिए लोग इसका घरों में खूब उपयोग कर रहे हैं। अंडे का कारोबार करने वाले नूरुल बताते हैं कि लॉकडाउन के चलते अंडों के व्यापार में दाम में कोई अंतर नहीं आया है। पहले जिस भाव में दुकानदार को मिलता था वहीं भाव मिल रहा है इसलिए ग्राहकों को भी उसी दाम में दिया जा रहा है। थोक व्यापारी बताते हैं कि होटल ढाबे आदि बंद होने से खपत कम हो रही है तो आपूर्ति कम मंगाई जा रही है। रमजान में भी लोग अंडों का सेवन कर रहे हैं। इनसेट
सादे अंडे की बिक्री : 6 रुपये
उबले अंडे की बिक्री : 7 रुपये
24 नग का कैरेट : 120 रुपये
प्रति अंडा व्यापारियों को आपूर्ति : 4 रुपये
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कानपुर से होती अंडों की आपूर्ति
अंडो के कारोबारी एहतेशाम अहमद बताते हैं कि जिले में इसका उत्पादन न के बराबर होता है। जिसके चलते कानपुर से इसकी आपूर्ति होती है। प्रतिदिन गाड़ी आती है और थोक व्यापारियों को 3 रुपये 10 पैसे प्रति अंडे के हिसाब से आपूर्ति करके चली जाती है। यह थोक विक्रेता 4 रुपये के हिसाब से प्रति अंडे की बिक्री खुदरा व्यापारियों को करते हैं।