रजिस्ट्री का बढ़ा दायरा, जागी उम्मीद
जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना संक्रमण में रजिस्ट्री विभाग बेहद घाटे में रहा। लॉकड
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोरोना संक्रमण में रजिस्ट्री विभाग बेहद घाटे में रहा। लॉकडाउन के तीन महीनों में एक भी रजिस्ट्री न होने से विभाग के सामने भारीभरकम राजस्व लक्ष्य की भरपाई का संकट खड़ा हो गया। दिसंबर माह से सदर समेत खागा व बिदकी के उपनिबंधक कार्यालयों में रजिस्स्ट्री की तेजी से बढ़ रही संख्या से अधिकारियों के चेहरे खिल गए है। विभाग को यह उम्मीद है कि यदि ऐसी ही तेजी बनी रही तो वित्तीय वर्ष के अंत तक राजस्व का लक्ष्य पूरा हो सकता है।
सरकार के खाली खजाने को भरने में सबसे बड़ा योगदान रजिस्ट्री कार्यालय व खनिज विभाग का रहता है। चालू वित्तीय वर्ष में शासन ने उपनिबंधक कार्यालयों से 1 अरब 26 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य तय किया था। वित्तीय वर्ष के शुरू से ही कोरोना का संकट आ जाने से राजस्व का लक्ष्य कागजी बना रहा। रजिस्ट्री से विभाग को मिलने वाले हर माह के दस करोड़ का लक्ष्य बीस फीसद भी नहीं पहुंच पा रहा था। लॉक डाउन के तीन माह तक तक रजिस्ट्री कार्यालय बंद रहने राजस्व पूरी तरह से ठिठका रहा। सरकार ने खाली खजाना भरने के लिए शर्तों के साथ रजिस्ट्री शुरू की लेकिन इसके बाद भी नवंबर तक बैनामों की संख्या में इजाफा नहीं हो पाया। एआइजी स्टांप सुभाष मिश्रा ने बताया कि दिसंबर माह से रजिस्ट्री की संख्या में इजाफा होने से राजस्व बढ़ा है। कहा कि अब तक 65 करोड़ का राजस्व प्राप्त हो गया है। प्रयास यह है कि 31मार्च तक एक अरब का लक्ष्य पूरा कर लिया जाए। कहा कि ई-स्टांप अभी अनिवार्य तो नहीं किया गया लेकिन जनपद में 90 फीसद ई-स्टांप का प्रयोग हो रहा है। शत-प्रतिशत ई-स्टांप के प्रयोग के लिए लोगो को जागरूक किया जा रहा है। स्टांप वेंडरों को प्राधिकृत संग्रह केंद्र का प्रतिनिधि नियुक्त किया जा रहा है।