ेजिलें में टीबी रोगियों की बढ़ी संख्या, अभियान बंदी ने बढ़ाई ¨चता
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: क्षय रोग (टीबी) रोकथाम के लिए भले ही सेहत महकमे ने अनेक प्रबं
जागरण संवाददाता, फतेहपुर: क्षय रोग (टीबी) रोकथाम के लिए भले ही सेहत महकमे ने अनेक प्रबंध किए हैं। बावजूद इसके लिए जिले में इसका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। अकेले वर्ष 2017 में 3213 रोगियों की पहचान की गयी है जबकि वर्ष 218 में 35 सौ रोगियों को चिह्नित कर दवा देने का काम प्रारंभ किया गया। अब पुन: तीन लाख की आबादी में टीबी रोगी खोजो अभियान शुरू हुआ है, लेकिन कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से अभियान अनिश्चितकाल के लिए ठप कर दिया गया है। बढ़ते रोगियों की संख्या ने विभाग के चेहरे पर ¨चता की लकीरें खींच दी है।
टीबी के जीवाणु वायु द्वारा भी फैलते हैं। जब फेफड़ों की टीबी का रोगी खांसता या छींकता है तो वह माइक्रो बैक्टीरियम ट्यूबर कुलोसिस नाम के रोगाणु छोटे-छोटे कणों के रूप में वातावरण में फेंकता है। बलगम के छोटे छोटे कण सांस के साथ स्वस्थ्य व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं। तब मरीज क्षय रोग से ग्रसित हो जाता है। वर्ष 2013 से 2015 के बीच जिले में टीबी रोग की बात की जाए तो एक लाख की आबादी में टीबी रोगियों की संख्या औसतन 220 से 240 तक थी। लेकिन वर्ष 2017 व 18 में यह संख्या बढ़कर एक लाख की आबादी में तीन सौ के ऊपर हो गयी है। टीबी क्या है यह भी जाने
-टीबी एक घातक संक्रामक रोग है। यह माइक्रो बैक्टीरियम ट्यूबर कुलोसिस नाम के रोगाणु से फैलता है। यह रोगाणु मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है। जिसके कारण फेफड़े की टीबी पलमोनरी -ट्यूबरकुलोसिस होती है। कभी कभी यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करता है। यहां यहां पर टीबी जांच मुफ्त
-टीबी क्लीनिक, जिला चिकित्सालय, मिशन अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तेलियानी, गोलपालगंज, बहुआ, असोथर, हसवा, गाजीपुर, बड़ागांव, सातो धरमपुर, ¨बदकी, खजुहा, देवमई, अमौली, जहानाबाद, भिटौरा, हुसेनगंज, हथगाम, मवई, खागा, विजयीपुर, धाता, खखरेडू, और औंग। क्या बोले जिम्मेदार
हम लोग टीबी की रोकथाम के लिए काम कर रहे हैं। मुख्य रूप से टीबी की जांच बलगम से होती है। जिसकी सुविधा 25 केन्द्रों में है। इसके अतरिक्त अब जिले में सीबीनाट मशीन से भी जांच की सुविधा हो गयी है। 21 जनवरी से दस दिन के लिए टीबी रोगी खोजो अभियान शुरू किया गया था, परंतु कर्मचारियों की हड़ताल के चलते इसे स्थगित कर दिया गया। अब शासन से दोबारा तिथि तय होने पर अभियान शुरू होगा। - डॉ. एके अग्रवाल जिला क्षय रोग अधिकारी यह है टीबी रोग के लक्षण
-दो सप्ताह या इससे अधिक समय से लगातार खांसी आना।
-खांसी के साथ बलगम का आना।
-शाम के समय अक्सर शरीर का तापमान बढ़ जाना।
-संभावित रोगी के शरीर का वजन लगातार कम होना।
-प्रभावित मरीज के सीने में अक्सर दर्द महसूस होना।
-प्रभावित मरीज का बलगम रक्त रंजित होकर निकलना।