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अधूरे नाले बरसात में बनेंगे परेशानी का सबब

जागरण संवाददाता फतेहपुर शहर के धड़ाम ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत करने और बरसात का पानी शहर से बाहर निकालने के लिए 37 करोड़ की लागत से चार साल पहले नाले का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। शहर के आइटीआइ रोड शादीपुर शांतीनगर सिविल लाइन आबूनगर आदि इलाकों में चारों ओर एक साथ निर्माण कार्य शुरू होने से किसी भी जगह में काम पूरा नहीं हुआ है। जिससे बरसात के समय आने वाले समय में जलभराव की समस्या खड़ी होगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 06:26 PM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 06:26 PM (IST)
अधूरे नाले बरसात में बनेंगे परेशानी का सबब
अधूरे नाले बरसात में बनेंगे परेशानी का सबब

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शहर के ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने और बरसात के पानी की निकासी करने के लिए 37 करोड़ से चार साल पहले शुरू हुआ नाला का निर्माण अब तक पूरा नहीं हुआ। शहर के आइटीआइ रोड, शादीपुर, शांतीनगर, सिविल लाइन, आबूनगर आदि इलाकों काम अधूरा होने से बारिश के दिनों में जलभराव का संकट छाया हुआ है।

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शहर में बरसात और गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। शहर का पानी तालाबों में जाता है। इस अधकचरी व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए 37 करोड़ की लागत से नाला निर्माण को सपा शासन काल में मंजूरी मिली थी। बीते सालों पर गौर करें तो शहर के रानी कॉलोनी, ककरहा, तांबेश्वर नगर, खलीलनगर, बिदकी बसस्टाप, सिविल लाइन, कलेक्ट्रेट कंपाउंड आदि में बड़े पैमाने पर जलभराव होता है।

अटल चौराहे का काम भी रुका

नगर पालिका प्रशासन द्वारा बेनाम चौराहों का नामकरण करके उनको सुसज्जित किए जाने का बीड़ा उठाया गया है। आईटीआइरोड बांदा सागर मार्ग के जुड़ाव स्थल को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के नाम पर रखकर निर्माण की प्रक्रिया शुरू कराई गई थी।

डीएम को लिखा पत्र

बरसात को देखते हुए नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी मीरा सिंह ने डीएम को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि बरसात से पूर्व अधूरे नालों का निर्माण पूरा कराने की बात कही गई है। अधूरे नाले बरसात में जलभराव का कारण बनेंगे इसलिए नालों को पूरा कराया जाना बेहद जरूरी है।

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निधि : अवस्थापना

स्वीकृत वर्ष : 2013

निर्माण शुरू : 2014

लागत : 37 लाख रुपये

निर्माण प्रतिशत : 53

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37 करोड़ की परियोजना है, जिसमें 16 करोड़ रुपये शासन से अवमुक्त किए गए थे। कार्यदायी संस्था से 18 करोड़ रुपये का काम पूरा कर दिया। अभी ठेकेदार का दो करोड़ रुपये भुगतान बकाया है। लॉकडाउन से पहले बरसात को ध्यान में रखते हुए शासन को पत्र भेजा था, लेकिन अभी तक धन नहीं मिला है।

- खालिद अहमद, अधिशासी अभियंता जल निगम


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