संचालित हो रहा अवैध चट्टा, स्वच्छता को लग रहा बट्टा
- विजयीारी ने कहा कि मामले की जांच कराई जायेगी।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : रिहायशी इलाकों से अवैध दूध के चट्टे हटाने के काम में प्रशासन की महज फर्ज अदायगी परेशानी का सबब बनी हुई है। ठोस और प्रभावी कदम न उठाए जाने से अवैध घोषित किए गए चट्टों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। शहर के जयरामनगर मुहल्ले में अवैध दूध चट्टा संचालन रिहायशी इलाके में हो रहा है। इसके बावजूद अभी तक प्रशासन ने इसको नोटिस तक नहीं थमाई है। गंदगी फैलाने का आए दिन विवाद होता रहता है।
जयरामनगर मुहल्ले में पूर्वमंत्री अयोध्या पाल के आवास को जाने वाली गली में दूध चट्टे संचालित हो रहे हैं। जो गंदगी को बढ़ावा दे रहे हैं। बरसात के दिनों में गोबर की सड़ांध से जीना मुहाल हो जाता है। एक खाली प्लाट में गोबर के बड़े बड़े ढेर लगे हुए हैं। जिससे मच्छर जनित बीमारियों के फैलने का खतरा मंडरा रहा है। प्रतिदिन हजारों रुपयों की दूध की बिक्री का काम करने वाले स्वच्छता के प्रति सचेत नहीं हैं। स्थानीय लोग बताते हैं कि विरोध करने पर लड़ने के लिए अमादा हो जाते हैं। दूध के लिए पुलिस कर्मी आते हैं उनसे संपर्क होने के चलते संचालक तनिक सी बात में बड़ा बखेड़ा खड़ा कर देते हैं।
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स्वच्छता अभियान को धक्का दे रहे लोग
स्वच्छ भारत अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें प्रति माह लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। विशेष स्वच्छता अभियान चलाकर सफाई की ग्रेडिग में बढ़ोत्तरी का काम किया जा रहा है। अभियान के तहत ग्रेडिग में सुधार न होने से शासन से मिलने वाली धनराशि तक प्रभावित हो रही है। इसके बावजूद इसमें सुधार नहीं हो पा रहा है।
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सुस्त कार्यशैली से मिलता स्टे
नगर पालिका की हवा हवाई दूध चट्टे हटाने की कार्रवाई से अवैध दूध चट्टा संचालक मजबूत होते जा रहे हैं। नोटिसों को हजम करने वाले चट्टा संचालक दिनों दिन कोर्ट की मजबूती पाते जा रहे हैं। बीते दिन मसवानी में अवैध चट्टा हटाने पहुंची टीम को चट्टा संचालकों ने कोर्ट का स्टे दिखा दिया तो टीम बैरंग वापस आ गई। नोटिस की जद में आए संचालक कोर्ट की मदद के लिए हाथ पांव मार रहे हैं।
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क्या बोले जिम्मेदार
- रिहायशी इलाके में पशुपालन शासन ने प्रतिबंधित कर रखा है। जयरामनगर में अवैध दूध चट्टे कतई संचालित नहीं होने दिए जाएंगे। नोटिस देकर चट्टा हटाने को कहा जाएगा। इसके बाद भी चट्टा नहीं हटाया गया तो उसके मवेशी जब्त कर लिए जाएंगे। उन्हें तब छोड़ा जाएगा जब संचालक जुर्माना अदा करेंगे।
मीरा सिंह, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका