मरीजों से पटे अस्पताल, हर घर में बीमारी की दस्तक
जागरण संवाददाता फतेहपुर बारिश और लगातार बदल रहे मौसम के मिजाज के चलते मौसमी बीमारियां
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बारिश और लगातार बदल रहे मौसम के मिजाज के चलते मौसमी बीमारियों ने जोर पकड़ लिया है। खांसी, जुकाम, बदन दर्द के साथ ही वायरल फीवर के मरीजों में एक बारगी इजाफा हो गया है। सरकारी और निजी अस्पतालों में खुलने से लेकर बंद होने तक मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। डाक्टरों का कहना है कि मौसमी बीमारियों की चपेट में आएं तो घर पर ही उपचार न करें बल्कि तुरंत चिकित्सक की सलाह पर दवाएं लें।
बारिश ने गर्मी से राहत देने के साथ ही किसानों के हायतौबा पर विराम लगा दिया है, लेकिन मौसमी बीमारियों ने जोर पकड़ लिया है। बारिश के समय में गंदे पानी की आपूर्ति भी मौसमी बीमारियों और पीड़ितों की संख्या में इजाफा करने में सहायक साबित हो रही है। शहरी क्षेत्रों में कई जगह पेयजल आपूर्ति की पाइप लाइन में लीकेज होने के कारण बारिश का पानी इसी रास्ते लोगों के घर पहुंच रहा है तो उधर गांवों में हैंडपंपों के आसपास जल भराव होने से बारिश का पानी नल के पानी को भी प्रदूषित कर चुका है। इस पानी के सेवन से डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उल्टी दस्त से पीड़ित मरीजों को प्रतिदिन अस्पतालों में देखा जा रहा है। जिम्मेदार इसे नजर अंदाज कर रहे हैं। अस्पताल में भर्ती हुए 44 मरीज
मौसमी बीमारियों का प्रकोप होने के कारण जिला अस्पताल में मरीजों की भरमार है। बीते तीन दिनों में एक दर्जन से अधिक डायरिया और बुखार के मरीजों को भर्ती किया गया है। वार्ड में इस समय 44 ऐसे मरीज है, जो सिर्फ बुखार व डायरिया से ही पीड़ित हैं। इनका उपचार जिला अस्पताल के डाक्टर कर रहे हैं। पानी से लगवाया जा रहा पोछा
जिला अस्पताल में ओपीडी हो या फिर वार्ड यहां सफाई कर्मचारियों की ओर से सिर्फ पानी से कपड़ा गीला कर पोछा लगाया जा रहा है। पोछा फिनायल डालकर लगना चाहिए, जिससे अनेक तरह के कीटाणु मर जाते हैं, दुर्गंध भी कम हो जाती है। लेकिन सिर्फ पानी का पोछा अस्पताल में संक्रमण को और बढ़ा रहा है।
बीते पांच दिनों में जिला अस्पताल की ओपीडी की स्थिति
तिथि-------------ओपीडी मरीज
16 अगस्त-------716
17 अगस्त-------810
18 अगस्त-------844
19 अगस्त--------903
20 अगस्त--------953
नोट- उपरोक्त आंकड़े ओपीडी के लिए जारी हुए पर्चों के आधार पर हैं।
जिला अस्पताल के सीएमएस डा. प्रभाकर के अनुसार इस समय मौसमी बीमारियों का सीजन है। नतीजा ओपीडी बढ़ी है। पहले पांच से छह सौ मरीज प्रतिदिन आते थे, लेकिन अब आंकड़ा एक हजार को छू रहा है। मौसमी बीमारियों के चपेट वाले रोगी तीन से पांच दिन की दवा पर ठीक भी हो जा रहे हैं।
बीमारियों से बचने के लिए ये करें
- घर के आसपास जलभराव न होने दें।
- खुले आसमान के नीचे न सोएं।
- रात में मच्छरदानी व फुल आस्तीन के कपड़े पहने।
- ताजा भोजन करें, पानी उबाल कर ठंडा करें तब प्रयोग करें।
- घर में साफ-सफाई रखें, कूलर का पानी बदलते रहें।