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लिपिकों के घर पहुंच दलाल फाइलों में करते खेल

-इसलिए कोड नंबर से जानी जाती फाइलें -वर्षों से चल रहा दलालों के साथ साठगांठ जागरण संवाददाता फतेहपुर एआरटीओ दफ्तर में जमे-जमाए लिपिकों और दलालों के मध्य साठगांठ का खेले वर्षों से चल रहा है। जिससे अधिकांश लिपिक व दलाल चंद्र माहों में ही चार मालामाल हो गए और चार पहिया वाहनों से चलते है। दलाल लिपिकों के घर पहुंचकर फाइलों में सेटिग करते है और फाइलों की पहचान करने के लिए कोड नंबर अंकित कर देते है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 09:52 PM (IST)Updated: Tue, 22 Oct 2019 09:52 PM (IST)
लिपिकों के घर पहुंच दलाल फाइलों में करते खेल

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : एआरटीओ दफ्तर में जमे-जमाए लिपिकों और दलालों के मध्य साठगांठ का खेल वर्षो से चल रहा है। जिससे अधिकांश लिपिक व दलाल मालामाल हो गए और चार पहिया लग्जरी वाहनों से चलते हैं। दलाल लिपिकों के घर पहुंचकर फाइलों में सेटिग करते हैं और फाइलों की पहचान करने के लिए कोड नंबर अंकित कर देते हैं।

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इन पर अंकुश लगाने के लिए यह प्रशासनिक व विभागीय स्तर पर कई प्रयत्न किए गए लेकिन कुछ दिनों के थमने के बाद खेल फिर से शुरू हो जाता है। तत्कालिक रोक के बाद यह अनियमित काम फिर से शुरू हो जाता है। सोमवार को डीएम की छापेमारी से दलालों से साठगांठ रखने वाले लिपिकों के होश उड़ गए हैं और लगे आरोपों से बचने के जतन खोज रहे हैं। कई संदिग्ध लिपिक लंबी छुट्टी में जाने के प्रयास में हैं जिससे डीएम की कार्रवाई परिधि में आने बच सकें। मामले पर एआरटीओ प्रशासन एके त्रिवेदी का कहना था कि दलालों से साठगांठ करके जनता से उगाही करने वाले लिपिकों की जांच की जा रही है। कहा कि यदि सबूत सही पाए गए तो लिपिकों पर कार्रवाई तय है। कहाकि कार्यालय को दलालों की दखल से मुक्त किए जाने के प्रयास किए जाएंगे।

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फर्जी नाम से बनवा देते डीएल

एआरटीओ दफ्तर के इर्द-गिर्द दलालों के चैंबर सजे हुए हैं। इनके कई दलाल ऐसे हैं जो कि फर्जी डीएल पंजीयन जैसे दस्तावेज तक कर देते हैं। यहां के कई दलालों की राजस्थान की पुलिस गिरफ्तार कर ले गई थी। स्थिति यह है कि इनके चैंबरों व घरों में छापेमारी कर दी जाए तो सारा रहस्य खुल जाएगा।


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