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अलविदा 2020 : कोरोना काल ने सिखाया ऑनलाइन पढ़ाई का तरीका

जागरण संवाददाता फतेहपुर कोरोना के वैश्विक संकट ने जहां दुश्वारियां दी वहीं नए रास्त

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 11:14 PM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 11:14 PM (IST)
अलविदा 2020 : कोरोना काल ने सिखाया ऑनलाइन पढ़ाई का तरीका
अलविदा 2020 : कोरोना काल ने सिखाया ऑनलाइन पढ़ाई का तरीका

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : कोरोना के वैश्विक संकट ने जहां दुश्वारियां दी वहीं नए रास्ते भी इजाद हुए। आपदा में भी अवसर तलाशने की मुहिम को बल मिला। कोरोना संक्रमण के फैलाव की दर को कम करने के लिए शासन के निर्देश पर शिक्षण संस्थानों को ठप कर दिया गया। पटरी से उतरी पठन पाठन व्यवस्था चिता का विषय बन गई। विज्ञान और संचार के जानकारों ने हाईटेक शिक्षा ऑनलाइन पढ़ाई निकाली। ऑनलाइन पढ़ाई का क्रियान्वयन किया गया तो सफलता का इतिहास रचा। ऑनलाइन शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए माध्यमिक शिक्षा ने डीआइओएस महेंद्र प्रताप सिंह की देखरेख में कार्यशालाएं आयोजित की गई। जिले के राजकीय, सवित्त और वित्तविहीन में यूपी बोर्ड और सीबीएसइ तथा आइसीएसइ बोर्ड के विद्यालयों के एक एक शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षकों ने विद्यालय के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया। इसके बाद इस हाईटेक शिक्षा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। ----------------------------------------------------

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माध्यमिक शिक्षा के शिक्षण संस्थान राजकीय : 45

माध्यमिक शिक्षा के सवित्त शिक्षण संस्थान : 72

माध्यमिक शिक्षा के वित्तविहीन शिक्षण संस्थान : 403

बेसिक शिक्षा के प्राथमिक स्कूल : 1903

बेसिक शिक्षा के उच्च प्राथमिक स्कूल : 747

बेसिक के मान्यता प्राप्त स्कूल : 50

बेसिक शिक्षा में पंजीकृत बच्चे : 5,76,576

माध्यमिक शिक्षा में पंजीकृत बच्चे : 3,34,786 ---------------------------------------------------

गरीब बच्चों के लिए टीवी में प्रसारण बना सहायक

खासकर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पास एंड़ायड मोबाइल न होने की दिक्कत आई। इसका विकल्प टीवी प्रसारण से निकला। शासन के निर्देश का जिले में तैनात डीआइओएस का क्रियान्वयन बेहद अच्छा रहा है। उन्होंने बनाई गई योजना के अनुसार जोन प्रभारियों और प्रधानाचार्यों को छंटनी के लिए लगाया। प्रतिदिन के अपडेशन और प्रसारण का प्रचार प्रसार करके बच्चों को लाभान्वित किया। ----------------------------------------------------

समस्या को चुनौती के रूप में स्वीकार किया

शुरुआती दौर में ऑनलाइन पढ़ाई बड़ी समस्या के रूप में सामने आई। ऑनलाइन सिस्टम से पढ़ाई कराए जाने को लेकर कार्यशालाएं आयोजित की गई। एक साथ बच्चों को जोड़कर पढ़ाने की चुनौती को सहर्ष स्वीकार किया। चुनौती को सफलता के आयाम तक पहुंचाया। आज घर घर हाईटेक शिक्षा का उजियारा फैला। घर में बैठकर बच्चे संक्रमण के प्रभाव से बचे रहे। ----------------------------------------

अभिभावकों ने सीखा चलाना

स्कूलों से ऑनलाइन शिक्षा के तहत पढ़ाई की व्यवस्था के क्रियान्वयन में अभिभावक जिम्मेदारी निभाने की बारी आई तो दिक्कतें खड़ी हुई। उम्रदराज और तकनीक की जानकारी न होने से अभिभावक परेशानी में आए। जानकारों तक दौड़ लगाकर लोगों ने टेक्निक जानी और संचालन के टिप्स जाने। इसके बाद उन्होंने प्रतिदिन हाईटेक शिक्षा से बच्चों को जोड़ा। ----------------------------------------------

क्या बोले जिम्मेदार

- कोरोना संक्रमण के चलते पढ़ाई व्यवस्था बाधित हुई। ऑनलाइन शिक्षा विकल्प बनकर उभरी तो उसके क्रियान्वयन में पूरी ताकत लगा दी गई। भले ही देखरेख मेरे द्वारा की गई लेकिन इसमें निश्चय ही शिक्षक-शिक्षिकाओं और अभिभावकों की जागरूकता काम आई है। लगन, तपस्या, मेहनत के बल पर ऑनलाइन शिक्षा के सिर ताज बांधने का काम किया गया है। महेंद्र प्रताप सिंह, जिला विद्यालय निरीक्षक


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