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यूपीपीसीएस में बेटियां मेधा बनकर चमकी

जागरण संवाददाता फतेहपुर यूपीपीसीएस 2016 की परीक्षा में जनपद की बेटियों ने सफलता का शिखर

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 07:08 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 07:08 PM (IST)
यूपीपीसीएस में बेटियां मेधा बनकर चमकी
यूपीपीसीएस में बेटियां मेधा बनकर चमकी

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: यूपीपीसीएस 2016 की परीक्षा में जनपद की बेटियों ने सफलता का शिखर चूमकर जिले को गौरवान्वित किया है। मलवां विकास खंड क्षेत्र के एक परिषदीय प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षिका नम्रता ¨सह ने बहुप्रतिष्ठित परीक्षा में 9वीं रैंक पाकर एसडीएम का पद हासिल किया।

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वहीं हसवा विकास खंड क्षेत्र के रमवां गांव के एक किसान जयराज ¨सह की बेटी भावना ¨सह ने 173वीं रैंक प्राप्त की। इसके अलावा शहर क्षेत्र के अवंतीबाई चौराहे के रामनरेश ¨सह चौहान की बेटी अंकिता ¨सह ने कामर्शियल टैक्स आफीसर के पद पर सफलता प्राप्त की। शहर के हरिहरगंज निवासी राजकिशोर मौर्य की बहू ने परीक्षा उत्तीर्ण कर ट्रेजरी आफीसर का पद प्राप्त किया। खागा तहसील क्षेत्र के रक्षपालपुर कस्बे के स्व. बलवंत ¨सह की पुत्री प्रिया ¨सह व खागा कस्बे के शिक्षक सुरेंद्र ¨सह की पुत्री अनामिका ¨सह ने नायब तहसीलदार का पद हासिल किया। वहीं ¨बदकी कस्बे के श्रीनारायण द्विवेदी के पुत्र विनय कुमार द्विवेदी ने भी नायब तहसीलदार के पद पर सफलता प्राप्त की है।

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मेहनत व लगन से मिलती सफलता

- डिप्टी कलक्टर के पद पर चयनित हुए नम्रता ¨सह कहती हैं कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं है। मेहनत व लगन के दम पर ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। सफलता का श्रेय केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक पिता योगेंद्र कुमार ¨सह व माता उर्मिला ¨सह को देते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन व दिशा निर्देश सफलता में संजीवनी साबित हुए। वहीं बैंक मैनेजर के पद पर कार्यरत भाई सौरभ ¨सह व गौरव ¨सह के टिप्स व उत्साहवर्धन बराबर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहे। बाबा की प्रेरणा से मिला मुकाम

- कामर्शियल टैक्स ऑफीसर बनी भावना ¨सह कहती हैं कि यूपीपीसीएस की बहुप्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता के पीछे बाबा प्रताप ¨सह का आशीर्वाद व प्रेरणा है। शहर के सरस्वती विद्या मंदिर से हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद बीएनएसडी शिक्षा निकेतन से 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद पहले प्रयास में आईआईटी में चयन हुआ। मां सीमा ¨सह, पिता जयराज ¨सह, भाई अक्षेंद्र प्रताप ¨सह, आदित्य ¨सह व बहन अनुष्का ¨सह ने बेटी की उपलब्धि पर खुशी जताई है।

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पिता के उत्साहवर्धन से मिली सफलता

-कामर्शियल टैक्स आफीसर के पद पर चयनित अंकिता ¨सह कहती हैं कि पिता रामनरेश ¨सह चौहान उत्साहवर्धन करते रहे, जिसकी बदौलत सफलता प्राप्त हुई। मेधावी छात्रा ने कहा कि मां भी बराबर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती रहीं। इसके पूर्व लोअर पीसीएस में मार्के¨टग इंसपेक्टर पद रही अंकिता कहती हैं कि निरंतर लगन व निष्ठा के साथ लगने से सफलता अवश्य मिलती है। शहर के सिविल लाइन स्थित आवास में शाम को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।

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मां के सहयोग ने बनाया अफसर

- जिला कोषाधिकारी के पद पर चयनित हुई रेनू वर्मा कहती हैं कि यूं तो मायके व ससुराल पक्ष के सभी लोगों ने मानसिक रूप से पूरा सहयोग किया लेकिन शादी के बाद भी जिस तरह मेरी मां मूर्ति वर्मा ने बच्चों की परवरिश के साथ मेरा सहयोग किया, इससे मैं यह कह सकती हैं कि मां के सहयोग ने ही मुझे अफसर बनाया है। पति राजू मौर्य, ससुर राजकिशोर मौर्य व पिता रामशरन वर्मा बेटी की उपलब्धि से खासे गदगद हैं।

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सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं

- नायब तहसीलदार के पद पर चयनित हुई प्रिया ¨सह कहती हैं कि सफलता का कोई शार्ट कट नहीं है। निरंतर लगन व निष्ठा से की गई मेहनत कभी बर्बाद नहीं होती। उन्होंने सफलता का श्रेय चाचा हनुमंत ¨सह, राधेश्याम ¨सह व मां प्रीती ¨सह को दिया। बेटी के नायब तहसीलदार पद पर चयनित होने की जानकारी होने पर उनके आवास पर सुबह से ही बधाई देने वालों की भीड़ लग गई।

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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की पुत्री ने गढ़ा इतिहास

- नायब तहसीलदार के पद पर सफलता प्राप्त करने वाली अनामिका ¨सह कहती हैं कि मन में दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो सीमित संसाधनों के दम पर भी सफलता का शिखर चूमा जा सकता है। उनकी मां प्रतिमा ¨सह विजयीपुर ब्लाक के सुजानीपुर गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के पद पर कार्यरत हैं, पिता सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। सफलता की बधाई देने के लिए खागा कस्बे के विजय नगर मोहल्ला स्थित आवास पर लोगों का तांता लगा रहा।

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सफलता के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी

- नायब तहसीलदार पद पर सफलता प्राप्त करने वाले विनय कुमार द्विवेदी कहते हैं कि सफलता के लिए ²ढ़ इच्छाशक्ति बहुत जरूरी है। असफलताएं ही हमें सफलता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करती हैं। अपने तीसरे प्रयास में नायब तहसीलदार के पद पर सफल हुए श्री द्विवेदी ने कहा कि बराबर संघर्ष करते रहने से सफलता अवश्य मिलती है। पुत्र की उपलब्धि से मां समेत पिता श्रीनारायण द्विवेदी व अन्य परिजन खासे गदगद हैं।


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