उच्च प्राथमिक स्कूलों से मिलेगी अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा
जागरण संवाददाता फतेहपुर बेसिक शिक्षा के उच्च प्राथमिक विद्यालयों का संचालन भी अब अंग्रेजी मा
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बेसिक शिक्षा के उच्च प्राथमिक विद्यालयों का संचालन भी अब अंग्रेजी माध्यम से होगा। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी अब फर्राटेदार अंग्रेजी बोल सकेंगे। शासन की मंशा के अनुरूप जिले को मिले लक्ष्य के मुताबिक चालू सत्र में 15 विद्यालयों के संचालन की गतिविधियां तेज हो गई हैं। उच्च प्राथमिक स्कूलों की सूची बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों के माध्यम से मांगी है।
अभिभावकों में अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा के प्रति बढ़ते लगाव को देखते हुए शासन ने बेसिक शिक्षा के स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से संचालित किए जाने का पूरा मन बना लिया है। शासन ने उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा दिए जाने का खाका खींचते हुए स्कूलों की सूची के चयन का अधिकार बीएसए को दिया है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा बीएसए को भेजे गए आदेश में कहा है कि जिले के 15 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को नए सत्र से अंग्रेजी माध्यम से संचालित किया जाना है। अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा देने के लिए शासन ने पूरा खाका खींचा है। इसके लिए पहले चरण में विद्यालयों का चयन होगा तो दूसरे चरण में परीक्षा कराकर शिक्षक-शिक्षिकाओं का चयन किया जाएगा। इसके बाद नए सत्र से विद्यालयों में बच्चों के प्रवेश हो सकेंगे। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश के क्रम में सभी खंड शिक्षाधिकारियों को ब्लाक के 2-2 बेहतर स्कूलों का चयन करके भेजना है। जिले में 15 स्कूलों का संचालन होगा। जिसमें जिले के तेरह ब्लाकों में एक एक विद्यालय और नगर क्षेत्र बिदकी तथा मुख्यालय में एक-एक विद्यालय अंग्रेजी माध्यम से संचालित किए जाएंगे। 68 प्राथमिक विद्यालयों का हो रहा संचालन
बेसिक शिक्षा परिषद के 68 प्राथमिक विद्यालय ऐसे हैं जिनमें अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा बच्चों को दी जा रही है। जिसके बेहतर परिणाम भी सामने आए हैं। तीन साल पूर्व जिले से शुरू की गई योजना 3 विद्यालयों में थी जिले चालू सत्र में बढ़ाकर 68 विद्यालयों में कर दी गई है। बीएसए ने बताया कि बीते सालों में आई दिक्कतों को दूर करते हुए इस दफा बिना बाधा के विद्यालयों के संचालन की तैयारी है। बीते सालों में निश्शुल्क पुस्तकों का वितरण देरी से होता रहा है। इसबार शासन ने मांग पत्र मंगवा लिया है। आशा है कि ऐसी दिक्कतें नहीं आएंगी।