193 साल का हुआ फतेहपुर, कल मनेगा बर्थडे
सांस्कृतिक ऐतिहासिक व पौराणिक धरोहरों को समेटे दोआबा की इस माटी को जिले का दर्जा मिले 193 वर्ष पूरे हो गए। लगभग तीस लाख की आबादी वाले इस जनपद का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है। 10 नवंबर 1
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : सांस्कृतिक, ऐतिहासिक व पौराणिक धरोहरों को समेटे दोआबा की इस माटी को जिले का दर्जा मिले 193 वर्ष पूरे हो गए। लगभग तीस लाख की आबादी वाले इस जनपद का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है। 10 नवंबर 1826 को इस जनपद का गठन हुआ था। जिले का बर्थडे मनाने के लिए युवाओं ने खास तैयारी की है।
इतिहास पर गौर करें तो 1801 में लखनऊ के नवाब सिराजिद्दौला, शाह आलम व ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुई संधि में इलाहाबाद सूबा अंग्रेजों को सौंप दिया गया। प्रशासनिक व्यवस्था के लिए अंग्रेजों ने संयुक्त प्रांत आगरा-अवध गठित किया। इसके बाद कड़ा व कोड़ा सरकार (जिला) के चार-चार मैहाल (तहसील) को मिलाकर जिले का खाका तैयार किया। 10 नवंबर 1814 को गंगा तट के भिटौरा गांव को सर्वे का हेड क्वार्टर बनाया गया, जिसमें अंग्रेज मजिस्ट्रेट चार्स जॉन मेडलिन व जिला जज मिस्टर जार्ज मुइनी ने चार्ज संभाला। 12 साल की कवायद के बाद फतेहपुर को मुख्यालय बनाकर 10 नवंबर 1826 को जनपद का पूर्ण गठन किया गया। जिले के पहले मजिस्ट्रेट मिस्टर जार्ज अलमोनी व जज मिस्टर जार्ज फ्रांसिस ब्रून बनाए गए। अंग्रेजों ने प्रशासनिक व्यवस्था के लिए अयाह-शाह, बिदकी, धाता, एकडला, फतेहपुर, गाजीपुर, हसवां, खागा, खखरेरू, कोड़ा, कोटिया, गुनीर, मुत्तौर, टप्पाजार, कल्याणपुर को परगना का दर्जां दिया गया।
यह स्थान है जिले की पहचान
उत्तरवाहिनी गंगा का भिटौरा, ओमघाट शिवराजपुर, आदमपुर, नौबस्ता घाट, 52 शहीदों की मूक गवाह पारादान की बावनी इमली, खागा में ठा. दरियाव सिंह स्मारक, सूर्य पुत्र अश्वनी कुमारों की असनी गांव, पुरातत्व की पहचान वाले रेंय, तेंदुली, खजुहा, लदिगवां आदि।
पूर्व संध्या पर सजेगी रंगोली
युवा विकास समिति, व्यापार मंडल, गंगा बचाओं संघर्ष समिति सहित कई संगठनों ने जिले का बर्थडे धूमधाम से मनाने की तैयारियां की है। युवा विकास समिति प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र मिश्रा ने बताया कि केके चिल्ड्रेन एकेडमी मलवां के बच्चों द्वारा जिले बर्थडे के पूर्व संध्या में रंगोली सजाकर दीप जलाए जाएंगे। गांधी मैदान में विशाल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है।