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इलाज के अभाव में ई-रिक्शा चालक की मौत, हंगामा

जागरण संवाददाता फतेहपुर थरियांव बाईपास हाईवे में बुधवार को देर रात अज्ञात चार पहिया

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 10:55 PM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 06:03 AM (IST)
इलाज के अभाव में ई-रिक्शा चालक की मौत, हंगामा
इलाज के अभाव में ई-रिक्शा चालक की मौत, हंगामा

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : थरियांव बाईपास हाईवे में बुधवार को देर रात अज्ञात चार पहिया गाड़ी की टक्कर से गंभीर रूप से घायल ई-रिक्शा चालक को 108 एंबुलेंस की टीम सदर अस्पताल लेकर आई। चिकित्सकीय टीम ने प्राथमिक उपचार कर उसे एलएलआर, कानपुर के लिए रेफर कर दिया, लेकिन वह बेड में पड़ा रहा। गुरुवार को सुबह चिकित्सकीय अभाव में उसकी मौत हो गई। सुबह आए स्वजनों ने इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर ट्रामा सेंटर में हंगामा काटना शुरू कर दिया। आबूनगर चौकी पुलिस पहुंचकर स्वजनों को शांत कराकर कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

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खागा कोतवाली के तहसील के समीप रहने वाले मानराज सिंह का 35 वर्षीय पुत्र ई-रिक्शा चालक सुनील यादव बुधवार को देर रात साढ़े 11 बजे फतेहपुर शहर जाने के लिए घर से बाइक लेकर निकला था। बताते हैं कि थरियांव हाईवे में अज्ञात चार पहिया गाड़ी ने उसे कुचल दिया जिस पर एंबुलेंस की टीम उसे रात 11 बजकर 50 मिनट पर अस्पताल लेकर आई। ट्रामा सेंटर में तैनात डॉक्टर डीके राय व फार्मासिस्ट बिलाल अहमद ने उसे ट्रामा सेंटर के ही बेड में रखकर प्राथमिक उपचार किया और 12 बजे हैलट, कानपुर रेफर कर दिया। होश आने पर घायल ने जरिए मोबाइल स्वजनों को फोन किया, लेकिन स्वजनों के आने के पूर्व ही ई-रिक्शा चालक सुनील ने दम तोड़ दिया।

गुरुवार सुबह 10 बजे के बाद मृतक की बहनें गीता व सुनीता देवी स्वजनों के साथ आईं। स्वजनों का आरोप था कि चिकित्सकीय लापरवाही में उसके भाई की मौत हो गई। कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर हंगामा काटना शुरु कर दिया। खबर पाकर पहुंचे आबूनगर चौकी इंचार्ज महेंद्र कुमार वर्मा का कहना था कि स्वजनों को शांत करा दिया गया है। सीएमएस डा. प्रभाकर का कहना था कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है। कहा कि अभी तक जांच में स्पष्ट हुआ है कि ठंड लगने से घायल ने दम तोड़ा है। सुबह तक चला इलाज : डीके राय

ट्रामा सेंटर डॉक्टर डीके राय व डॉ. संतोष कुमार कहना था कि मरीज को ट्रामा सेंटर के भीतर बेड में लिटाकर अ‌र्द्धरात्रि से प्रात: तक उपचार किया जा गया और अ‌र्द्धरात्रि उसे रेफर भी कर दिया गया था, लेकिन स्वजनों के न आने से वह बाहर भाग रहा था जिस पर अंदर लिटाकर उपचार किया जा रहा था और ठंड से बचने के लिए दो कंबल भी ओढ़वा दिए गए थे लेकिन ठंड लगने से उसकी मौत हो गई।


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