तैयार होगा ड्रेनेज सिस्टम, नेवाजीपुर रजबहे से जुूड़ेगी अमेना झील
संवाद सहयोगी बिदकी बावन बीघे अमेना झील में अब गर्मी के दिनों में भी लबालब रहेगी। इसके लिए
संवाद सहयोगी, बिदकी : बावन बीघे अमेना झील में अब गर्मी के दिनों में भी लबालब रहेगी। इसके लिए ब्लाक से प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा। झील को नेवाजीपुर माइनर से जोड़ने के लिए 700 मीटर ड्रेनेज बनेगी। ड्रेनेज का उपयोग रजबहे के पानी से खेती के सिचाई के लिए भी हो सकेगा।
खुजहा विकास खंड की सबसे बड़ी झील अमेना गांव में हैं। पूर्व में इस झील को खोदाई करने के लिए तत्कालीन डीएम अंजनेय कुमार सिंह ने निर्देश दिए थे। झील को पर्यावरण की दृष्टि से विकसित करने के लिए विकास विभाग ने प्रोजेक्ट भी तैयार किया था। हालांकि बाद डीएम के जाते ही पूरा प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया। झील को चार हिस्सों में बांट कर आसपास मिट्टी के टीलों का निर्माण कराया जाना था।प्रवासी पक्षियों को आकर्षित करने के लिए ऐसे पौधे लगाए जाने थे, जो पक्षियों के लिए फल भी दे सकें। झील गर्मी के दिनों में सूख जाती है। इसे देखते हुए झील में पानी भरने के लिए नेवाजीपुर रजबहे से गुलाबापुर गांव के पास से ड्रेनेज का निर्माण कराने के प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। रजबहे से झील को जोड़ने वाले डीघ नाले तक 700 मीटर कच्ची नाली दर्ज है। कई स्थानों पर इसमें कब्जे हैं। अब इसकी खोदाई कराकर पक्का बनाकर नाले से जोड़े जाने की योजना पर काम हो रहा है।
कई मायने में महत्वपूर्ण झील
अमेना झील कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इस झील में सेलावन, पारादान, सरकंडी, बसंतीखेड़ा, कमरापुर, शाहपुर, जाफराबाद, खिदरपुर, जैनपुर सहित अन्य गांव के बारिश का पानी एकत्र होता है। इस झील से डीघ गांव के लिए बने कच्चे नाले से पानी डीघ गांव की झील में गिरता है। यहां से बारिश का पानी ससुर खरेदी नदी में जाता है। झील से निकलने वाला नाले के पानी का किसान सिचाई के लिए उपयोग करते हैं।
सिचाई की सुविधा होगी
झील को जोड़ने के लिए 700 मीटर पक्की ड्रेनेज तैयार होने खेती की सिचाई का क्षेत्रफल बढ़ेगा। बारिश के दिनों में गांवों जल भराव की समस्या से निजात दिलाने के भी यह ड्रेनेज काम आएगी। झील में पानी भरा रहने से भू-गर्भ जल स्तर पर भी असर पड़ेगा।
-----------------------
-अमेला झील की ड्रेनेज का प्रोजेक्ट जानकारी में आया है। इसका निरीक्षण कर प्रोजेक्ट को तैयार कराया जाएगा। यह अच्छा प्रोजेक्ट है। झील में गर्मी के दिनों में भी पानी रहेगा। इससे पशु पक्षियों को जल संकट से नहीं जूझना होगा।
कमल किशोर कमल, बीडीओ खजुहा झीलों से संरक्षित और उनमें जल बना रहे ऐसे प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण हैं। इन प्रोजेक्ट पर ब्लाक स्तर से जल्द काम शुरू कराने के लिए बीडीओ से बात की जाएगी। झील संरक्षित रहेगी, जल से भरी होगी तो भू-गर्भ जल स्तर भी बढ़ेगा।
अवधेश कुमार निगम, एसडीएम बिदकी