पीछे छूटी देसी, बढ़े 'अंग्रेजी' के शौकीन
जागरण संवाददाता फतेहपुर लॉकडाउन में हुई बंदी के बाद जब शराब की दुकानें खुली तो मध
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : लॉकडाउन में हुई बंदी के बाद जब शराब की दुकानें खुली तो मधुशाला में शौकीनों की इस कदर भीड़ जुटी कि वो 25 करोड़ रुपये की दारू पी गए। खास बात यह है कि शौकीनों ने अंग्रेजी शराब को पहली पसंद बनाया। अंग्रेजी के सामने देसी पीने वालों की कुछ कमजोर दिखे। नतीजा इस बार अंग्रेजी शराब सरकार की झोली में राजस्व भी खूब पहुंचाया।
जिले में 424 शराब की दुकानें हैं, जिसमें देसी 277, अंग्रेजी की 79 व बियर की 68 दुकानें है। महामारी की वजह से इन्हें 24 मार्च से दुकानें बंद कर दिया गया था। शासन के निर्देश पर 4 मई से निर्धारित समयानुसार शराब की दुकानें खुलने लगी। दुकानों का ताला खुलते ही खूब शराब बिकी, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि मई के बाद जून 2020 में 25.65 करोड़ रुपये की शराब शौकीन गटक गए जबकि पिछले वर्ष जून 2019 में 22.8 करोड़ रुपये की ही बिक्री हुई थी। इससे विभाग को चालू वित्तीय वर्ष के जून माह में 3.55 करोड़ रुपये के राजस्व का फायदा हुआ है। दोपहर में मधुशालाओं में भले ही सन्नाटा हो लेकिन सुबह व शाम शौकीनों की जमकर भीड़ लग रही है।
अंग्रेजी ने दिया सर्वाधिक राजस्व
जिला आबकारी अधिकारी संतोष तिवारी ने कहा कि अंग्रेजी शराब के सापेक्ष देसी शराब की बिक्री कम हुई है। सर्वाधिक राजस्व अंग्रेजी शराब से ही आया है। अंग्रेजी में 35 प्रतिशत, देशी में 20 प्रतिशत तो बियर में 08 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
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स्टाक में किया खेल
बिक्री में इजाफा के पीछे विभाग भले ही कुछ कारण बता रहा हो लेकिन सच यह है कि दो माह के लॉकडाउन में मदिरा की बिक्री कागजों में बंद थी पर चोरी छिपे देशी व विदेशी शराब की बिक्री महंगे दामों में होती रही। लॉकडाउन के दौरान चोरी से की गई बिक्री किए गए स्टाक का दुकानदारों में मई व जून की बिक्री में समायोजित कर दिया।
तुलनात्मक रिपोर्ट पर एक नजर
जून 2019 में हुई बिक्री -
देशी शराब - 5 लाख 19 हजार लीटर बिक्री
अंग्रेजी - 1 लाख 89 हजार बोतल
बियर - 4 लाख 35 हजार बोतल
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चालू माह जून 2020 में बिक्री
देशी शराब - 5 लाख 60 हजार लीटर
अंग्रेजी -2 लाख 31 हजार बोतल
बियर - 4 लाख 74 हजार बोतल