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हाजिरी से बचने के लिए खराब कर दी बायोमीट्रिक मशीन

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: अस्पतालों में डाक्टर व कर्मचारी समय से पहुंचे और आम जनमानस को

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 07:01 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 07:01 PM (IST)
हाजिरी से बचने के लिए खराब कर दी बायोमीट्रिक मशीन

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: अस्पतालों में डाक्टर व कर्मचारी समय से पहुंचे और आम जनमानस को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएं इसके लिए ब्लाक पीएचसी व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपस्थिति जांचने के लिए बायोमीट्रिक मशीनें लगाई गयी थी। एक माह भी नहीं बीता कि एक के बाद एक सभी अस्पतालों में बायोमीट्रिक मशीनें खराब हो गई। अफसर जहां इनमें तकनीकी खराबी बता रहें हैं वहीं सच्चाई यह है कि बायोमीट्रिक मशीन से प्रतिदिन उपस्थिति की पोल खुल रही थी, जिसके कारण इन्हें जानबूझ कर खराब कर दिया गया। यदि ऐसा नहीं है तो खराब मशीनों को सही क्यों नहीं कराया गया।

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जिला प्रशासन ने डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों का वेतन बायोमीट्रिक उपस्थिति के आधार पर निकाले जाने के निर्देश दिए थे। जिसमें तय किया गया था कि जिस दिन कर्मचारी अनुपस्थिति रहेगा उस दिन उसे नियमानुसार अवकाश लेना होगा। यदि बिना कारण ही अनुपस्थिति है तो उस दिन का वेतन काटा जाएगा। चूंकि जिले में अधिकांश डाक्टर गैर जनपदों से आवागमन करते हैं और प्रतिदिन अस्पताल नहीं जाते इस लिए उनकी नौकरी में बायोमीट्रिक की अनिवार्यता बाधा बन गयी थी। लिहाजा इन्हें जानबूझ कर खराब करते हुए उच्च अधिकारियों को मशीन खराब होने की रिपोर्ट भेज दी गयी। साथ ही इसकी मरम्मत में बजट का रोड़ा दिखाकर व्यवस्था से किनारा कर लिया गया। अब फिर पुराने ढर्रे पर ही डाक्टर अस्पताल नहीं आते हैं और उनका वेतन मैनुअल उपस्थिति रजिस्टर से तय होता है।

यहां लगी थी मशीन, अब हो गयी खराब

-जिला प्रशासन की सख्ती के कारण पूर्व में सीएमओ कार्यालय, जिला पुरुष और जिला महिला अस्पताल के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र असोथर, बहुआ, हसवा, भिटौरा, तेलियानी, खजुहा, देवमई, अमौली, गोपालगंज, धाता, खखरेडू, विजयीपुर, समेत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरदों, धाता, हथगाम, गाजीपुर, हुसेनगंज, अमौली, जहानाबाद में यह मशीनें लगी थी। अब केवल जिला पुरुष व महिला अस्पताल की ही मशीनें ठीक हैं। शेष सभी अस्पतालों की मशीनें खराब हो चुकी है।

क्या बोले जिम्मेदार..

मशीनें लगाई थी, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण यह खराब हो गयी है। प्रत्येक सीएचसी व पीएचसी के प्रभारी को निर्देश दिए हैं कि वह इन्हें दुरस्त कराए। अगर बन नहीं सकतीं है तो नई मशीनें लगवाई जाएंगी। अगले महीने से वेतन भुगतान बायोमीट्रिक के आधार पर ही किया जाएगा।..डा. विनय कुमार पांडेय सीएमओ


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