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चंदा कर ग्रामीणों ने तैयार की सामुदायिक गोशाला

संवाद सूत्र, जोनिहां : अन्ना मवेशियों से फसलों के हो रहे नुकसान को रोकने में सरकारी प्रया

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 05:57 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 05:57 PM (IST)
चंदा कर ग्रामीणों ने तैयार की सामुदायिक गोशाला
चंदा कर ग्रामीणों ने तैयार की सामुदायिक गोशाला

संवाद सूत्र, जोनिहां : अन्ना मवेशियों से फसलों के हो रहे नुकसान को रोकने में सरकारी प्रयास विफल देख किसान ने इस दिशा में पहल करना शुरू कर दिया है। खजुहा ब्लाक के हिम्मतपुर गांव के बुजुर्ग किसान मुंशी ¨सह ने सामुदायिक गोशाला बनाकर फसलों के हो रहे नुकसान को रोकने का प्रयास किया है। चारा दान कर किसान बारी-बारी से गोसेवा कर गोशाला को जनसहयोग से चला रहे हैं।

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बेसहारा घूम रहे गोवंश सेपरेशान किसान अब निजात पाने के लिए अपने तरीके से समस्या का हल खोजने में जुट गए हैं। विकास खंड खजुहा के हिम्मतपुर गांव ग्रामीणों ने नया तरीका खोजा है। यहां पर ग्रामीणों ने सामुदायिक गोशाला बनाई है। गांव के बजुर्ग किसान मुंशी ¨सह ने रोज-रोज अन्ना गोवंश से होने वाले नुकसान को लेकर गांव की किसानों की चौपाल लगाई। किसानों को यह समझाया कि अन्ना गोवंश से सभी का नुकसान हो रहा है। अगर सभी किसान सहमत हो जाएं तो नुकसान से कम खर्च पर गोशाला बनाई जा सकती है। बजुर्ग किसान की बात गांव के अन्य किसानों के जेहन में उतर गई। सभी किसानों ने चंदा कर कटीला तार मंगा गोशाला के लिए बैरीके¨डग कर दी। गांव के आसपास खेतों को नुकसान पहुंचने वाले गोवंश के अन्ना मवेशियों को गोशाला में बंद कर दिया है। इस समय गोशाला में गोवंश के 40 गाय व बछड़े बंद हैं। इनको वहीं पर चारा और दाना दिया जा रहा है। पास में तालाब में पानी भरा है। सभी मवेशी वहीं पर पानी भी पी रहे हैं। ग्राम समाज की जमीन का किया उपयोग

गांव में ग्राम समाज की पड़ी 11 हजार वर्ग फिट में गोशाला तैयार होने के बाद गांव के किसानों की खेती का नुकसान रुक गया है। दिन भर किसानों को गोवंश को खेत में जाने से रोकने के लिए रखवाली करनी पड़ती थी। गांव के सुनील ¨सह, पप्पू ¨सह, ठाकुर बाबा, अली मोहम्मद, आनंद तिवारी ने बताया आवारा गोवंश के मवेशी जितना नुकसान कर रहे थे उससे कम खर्च पर गोशाला चालू हो गया है। सामूहिक प्रयास से हिम्मतपुर गांव के किसानों ने जो पहल की उससे आवारा पशुओं से परेशान दूसरे गांवों के लोगों को करना चाहिए। इससे फसलों का नुकसान रूकने के साथ गो संरक्षण भी होगा।

-अतिरंजन ¨सह, बीडीओ


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