बुजुर्गो व बच्चों के लिए ठंड बनी आफत
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : ठंड के मौसम में यदि हार्ट व दमा के रोगी मार्निंग वॉक पर जा र
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : ठंड के मौसम में यदि हार्ट व दमा के रोगी मार्निंग वॉक पर जा रहे हैं तो संभलकर टहलने जाएं क्योंकि कोहरे की वाष्प दमा के मरीजों पर घातक सिद्ध हो सकती हैं इसलिए प्रात: की जगह सुबह टहल लें। वहीं बच्चों में खांसी जुखाम व वायरल फीवर के मरीज बढ़ रहे हैं जिससे पुरुष अस्पताल एवं चंदन हेल्थकेयर पैथालॉजी सेंटर में खून जांच को काफी भीड़ उमड़ रही हैं। हालांकि खून जांच में अधिकतर मरीजों में की जांच में शुगर, कोलस्ट्राल, यूरिक एसिड व सीरम किडनी में कमी आ रही है।
जिला अस्पताल के 118 बेडों वाले पुरुष अस्पताल की ओपीडी में सांस फूलने वाले वृद्ध मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। बुजुर्ग रामनाथ वर्मा, सायराबानों, कल्लूराम व छविनाथ ¨सह का कहना था कि उन्हें दमा की शिकायत है जिससे सांस फूलती है और वह प्रात: खेतों में काम करने के साथ बाहर निकलकर घरेलू काम भी करते हैं जिससे सांस और फूलने लगती है। सांस लेने में दिक्कत होने पर वह दिखाने आए हैं। वहीं कुछ बुजुर्ग मरीजों का कहना था कि उनके हाथ-पैर की नसों में दर्द करता है। फिजीशियन डा. एनके सक्सेना व डॉ. आरएन गुप्ता का कहना था कि ठंड के मौसम में नसों में खून का दौड़ान ठीक से न होने की वजह से हाथ-पैरों में दर्द होता है ऐसे मरीजों को दवा दी जा रही है और दमा के मरीजों को कोहरे व शीतलहर से बचने की सलाह दी।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मूलचंद्र का कहना था कि बच्चों में ठंड की वजह से वायरल फीवर व खांसी जुखाम के लक्षण आ रहे हैं। जिनके अभिभावकों को बच्चों को ठंड से बचाकर साफ सफाई से रखने की सलाह दी जा रही है। सीएमएस डॉ. प्रभारकर का कहना था कि संक्रामक बीमारियों का कहर पूरी तरह से खत्म हो गया है लेकिन ठंड की वजह से सिरदर्द, जुखाम खांसी वाले मरीज अवश्य आ रहे हैं।
इनसेट -
प्रतिदिन 50 मरीजों की खून जांच
फतेहपुर : चंदन हेल्थकेयर पैथालॉजी के इंचार्ज संतोष यादव व अंकित ¨सह ने बताया कि लीवर, लीक्विड प्रोफाइल, कोलस्ट्राल, सीरम किडनी, यूरिक एसिड, विटामिन डील-3 आदि से संबधित करीब 50 से 55 मरीज प्रतिदिन खून जांच कराने आ रहे हैं जिनके खून जांच की रिपोर्ट एक-दो दिन में लखनऊ से आ जाती है। वहीं पुरुष अस्पताल के पैथालॉजी इंचार्ज रामप्रकाश पटेल ने बताया कि सीबीसी जांच में अब प्लेटलेट्स कम नहीं आ रही हैं लेकिन वायरल फीवर, शुगर व सांस फूलने के मरीज ज्यादा आ रहे हैं।
चिकित्सकीय टीम की सलाह पर नजर
- दमा रोगी कोहरे की वाष्प व ठंड से बचें
- शीतलहर में कान व सिर अवश्य ढके रहें
- सेहत के लिए गुनागुना पानी ही सेवन करें
- घरों के आस पास साफ सफाई रखें
- बच्चे व बुजुर्ग कान व सिर ढककर रहें
- ठंड लगने पर तुरंत चिकित्सक से मिलें