सर्किल रेट का विवाद, दो गांवों के किसान नहीं करेंगे रजिस्ट्री
संवाद सूत्र बकेवर भोगनीपुर-चौडगरा हाईवे के लिए भूमि का अधिग्रहण होने के बाद भी किसान
संवाद सूत्र, बकेवर : भोगनीपुर-चौडगरा हाईवे के लिए भूमि का अधिग्रहण होने के बाद भी किसान रजिस्ट्री नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों ने बुधवार को बैठक लेकर रजिस्ट्री के लिए किसानों को राजी किया तो दो गांव के किसान सर्किल दर कम होने का हवाला देकर रजिस्ट्री करने से इन्कार कर दिया। इन गांवों में सर्किल दर में 45 लाख रुपये प्रति हेक्टेअर का अंतर आ रहा है।
भोगनीपुर-चौडगरा हाईवे फतेहपुर में कानपुर की सीमा चिल्ली से लेकर चौडगरा तक 26 किलोमीटर (किमी) है। हाईवे के लिए 23 गांव के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इसमें आलमपुर, सरांय लंगर, मथुरापुर व भेलगांव के किसानों ने सर्किल रेट कम होने के कारण जमीन की रजिस्ट्री करने से मना कर दिया था। इसे लेकर एसडीएम निधि बंसल व तहसीलदार ने राजस्व टीम के साथ उमराव टेक्निकल इंस्टीट्यूट आलमपुर में चार गांव के किसानों के साथ बैठक की। आलमपुर व सरांय लंगर गांव के किसानों की समस्याएं सुन उनका निराकरण करा उन्हें जमीन के अधिग्रहण के लिए राजी कर लिया। जबकि मथुरापुर व भेलगांव के किसानों जमीन की रजिस्ट्री को राजी नहीं हुए। इन दोनों गांव में सर्किल रेट 18 व 20 लाख रुपये प्रति हेक्टेअर है। जबकि इनसे जुड़े गांव का सर्किल रेट 65 लाख रुपये प्रति हेक्टेअर है। तहसीलदार ने बताया कि मथुरापुर व भेलगांव के किसान सर्किल रेट में भारी अंतर के कारण जमीन देने से मना कर रहे हैं, इन गांव के किसानों से फिर बात की जाएगी।