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औषधीय गुण की 'खान' सहजन बनेगा 'वरदान'

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: जनपद के हर कोने में पाए जाने वाले सहजन के इक्का-दुक्का पौधों से

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Jun 2018 07:02 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jun 2018 07:02 PM (IST)
औषधीय गुण की 'खान' सहजन बनेगा 'वरदान'
औषधीय गुण की 'खान' सहजन बनेगा 'वरदान'

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: जनपद के हर कोने में पाए जाने वाले सहजन के इक्का-दुक्का पौधों से आप भली भांति परिचित होंगे। इसके औषधीय गुणों को भांप कर कृषि विभाग अब जिले में इन पौधों की संख्या बढ़ाएगा। तैयारी की गयी है कि सहजन का पौधा हर गांव में कम से कम एक पौधा लगाने के साथ प्रत्येक सरकारी इमारत जैसे स्कूल, आंगनबाड़ी, स्वास्थ्य केंद्र, ब्लाक परिसर पौधा रोपा जाएगा। ताकि आम जन इसके औषधीय गुणों का लाभ उठा सकें।

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यूं तो अनेक औषधीय पौधे है जो मानव स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। लेकिन जनपद की मिट्टी और जलवायु के अनुसार यह पौधा जिले के लिए उपयुक्त है। चूंकि यह पौधा कम पानी में तैयार हो जाता है। जिला प्रशासन ने इस पौधे की उपयोगिता समझाने और इसके गुणों के बारे में जानकारी एकत्रित करने की जिम्मेदारी उप निदेशक कृषि प्रसार एके पाठक को दी है। श्री पाठक ने बताया कि यह इसे पौधे को दो विधियों से तैयार किया जा सकता है। पहली विधि की इसके बीज से पौधा तैयार हो और दूसरी विधि है कि इसकी कलम से ही भी पौधे को ¨जदगी दी जा सकती है। जिले में अधिक से अधिक पौधे तैयार हो इसके लिए दोनो विधियों से पौधे तैयार किए जाएंगे। इन पौधों को रोपण अभियान में अग्रणी भूमिका रखकर जनपद में इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।

सहजन के औषधीय गुण

-आयुर्वेद में सहजन को औषधीय गुणों का खजाना बताया गया है। सहजन की पत्ती, जड़, छाल, तना अनेक तरह से लाभ पहुंचाता है। इसकी फलियों की सब्जी भी बनाकर कर खा सकते हैं। आयुर्वेद में इस पेड़ से करीब तीन सौ रोगों के उपचार के बारे में बताया गया है। लेकिन हम आप जानकारी के अभाव में इसे एक सामान्य पेड़ मानकर इसका उपयोग नहीं करते हैं। सीएमओ डा. विनय कुमार पांडेय बताते है कि इसकी फली, हरी व सूखी पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्सियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन-ए, सी और बी काम्प्लेक्स प्रचुर मात्रा में पाई जाती है।

इन बीमारियों में रामबाण उपाय

-सहजन की छाल के सेवन से साइटिका, गठिया, लीवर के लिए लाभकारी है। छाल को शहद के साथ पीने से बात और कफ रोग खत्म हो जाता है। मोच आने पर सहजन की पत्ती की लुगदी बनाकर सरसों के तेल डालकर आंच पर पकाएं और मोच वाले स्थान पर लगाने से लाभ मिलता है। इसकी पत्ती के रस से कान दर्द, इसकी सब्जी खाने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी का प्रभाव कम होता है। पत्तों के रस से बच्चों के पेट के कीड़े निकल जाते हैं। ब्लड प्रेशर व मोटापा कम करने में लाभकारी है। इसका सेवन शरीर के इम्युनिटी पावर को बढ़ाता है। क्या बोले जिम्मेदार..

सहजन औषधीय गुणों की खान है। मेरा प्रयास है कि जिले में सहजन की पौध बड़े पैमाने पर हो। चूंकि यहां की जलवायु इस पौधे के लिए उपयुक्त है। पर्यावरण को ठीक बनाने के लिए पौधे जरूरी है। हर गांव में कम से कम एक पौधा रोपा जाए। इसके निर्देश दिए गए हैं। कृषि विभाग इसकी पौध तैयार कर रहा है। शीघ्र ही इसकी रोपाई शुरू होगी। ..आंजनेय कुमार ¨सह डीएम फतेहपुर


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