मानक विहीन वाहनों से जोखिम में बच्चों की जान
संवाद सहयोगी बिदकी निजी स्कूलों में बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के लिए लगे वाहन पूरी
संवाद सहयोगी, बिदकी : निजी स्कूलों में बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने के लिए लगे वाहन पूरी तरह से असुरक्षित हैं। इसके अलावा वैन में मानक से अधिक बच्चों को ठूंसकर भरा जा रहा है। शनिवार को चांदपुर में जो हादसा हुआ उसमें स्कूल वैन पर 20 से अधिक बच्चे बैठाए गए थे। परिवहन व शिक्षा विभाग इस ओर से आंख मूंदे हुए हैं। अधिकांश स्कूल बसों व वैन के चालक अप्रशिक्षित ही हैं।
बिदकी तहसील क्षेत्र में नए-नए नर्सरी से लेकर जूनियर हाईस्कूल तक स्कूल खुले हैं। सभी स्कूलों में बच्चों को लाने और ले जाने के लिए वैन ही इस्तेमाल हो रही है। कई स्कूल तो एलपीजी गैस लगी वैन से बच्चों को लाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। बिदकी नगर, खजुहा, बकेवर, अमौली, जहानाबाद, अमौली, जोनिहां, जाफरगंज में खुले स्कूलों में अधिकांश वैन ही बच्चों को स्कूल लाने में उपयोग में लाई जा रही हैं। वैन में चालक सहित 8 सवारियों को बैठने की जगह होती है, पर स्कूलों में लगी वैन में 15 से 20 बच्चों को भरा जाता है।
परिवार का सहारा था कमल किशोर
अमौली : चांदपुर थाने के नसेनिया-कौंह गांव मार्ग पर वैन की आमने-सामने भिड़ंत में शिशुपाल उत्तम मेमोरियल हाईस्कूल नरैनी स्कूल में बच्चों को लाने वाली वैन चालक कमल किशोर कुशवाहा परिवार में सबसे बड़ा था। परिवार का मुखिया होने के कारण परिवार की पूरी जिम्मेदारी उसी पर थी। स्कूल की वैन चला व स्कूल में शिक्षक कार्य कर परिवार पालता था। कमल किशोर की मौत से मां ऊषा, भाई रवी, बहन रेनू व रूबी का रो-रोकर बुरा हाल है। उधर दूसरे वैन चालक नंद किशोर पटेल निवासी बोधी खेड़ा की पत्नी जय देवी व पुत्र विनीत सहित पूरा परिवार गहरे सदमे में हैं। नंद किशोर भी परिवार का मुृखिया था। दोनों परिवारों के मुखिया की मौत से परिवारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा।