छठ पूजा : उगते सूर्य को अर्घ्य देकर मांगा अखंड सुहाग
जागरण संवाददाता फतेहपुर छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती महिलाओ से उगते सूर्य को अर्ध्य देक
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : छठ पूजा के तीसरे दिन व्रती महिलाओ से उगते सूर्य को अर्ध्य देकर अखंड सुहाग मांगा। जल में खड़े होकर पुरूषों के साथ व्रती महिलाएं जयकारों के बीच सूर्य का अर्ध्य दिया और छठ मइया के गीत गुनगुना कर स्वजन के साथ आशीर्वाद मांगा। 36 घंटे बाद शनिवार को महिलाओं ने चना खाकर उपवास का समापन किया।
छठ पर्व भैयादूइज के तीसरे दिन से प्रारंभ हो जाता है। भगवान सूर्य व छठ मइया से अखंड सुहाग व बच्चों की लंबी उम्र की कामना को लेकर इस कठिन व्रत में महिलाएं पहले दिन अरवा चावल व कद्दू की सब्जी का प्रसाद लिया जाता है। अगले दिन से उपवास शुरू हो जाता है।अन्न, जल त्याग कर शाम सात बजे खीर बनाकर पूजा की जाती जिसे खरना कहते हैं। शुक्रवार की शाम व्रती महिलाए अस्त होते हुए सूर्य अर्ध्य देकर पूजा -अर्चना की। कोरोना संक्रमण के कारण इस साल सामूहिक पूजा न करने व्रती महिलाएं घर में भगवान सूर्य व छठ मइया की पूजा की। शहर के पीएसी मैदान स्थिति तालाब में व्रती महिलाएं बांस की टोकर में फल, चावल, लड्डू व मिठाई व पूजन की सामाग्री लेकर पहुंची। लोटे में दूध व जल भरकर उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया इसके साथ ही बांस की टोकरी के साथ छठ मइया की पूजा-अर्चना की। ऐसी मान्यता है कि छठ के अंतिम दिन सूर्य की पत्नी उषा को अर्ध्य दिया जाता है, इससे जीवन में तेज बना रहता है और व्रती की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। इसके अलावा महिलाएं घरों में पूजा-अर्चना के बाद छठ पर्व के व्रत का समापन किया।
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महिलाओं ने गाए मंगलगीत
- पूजा-अर्चना के बाद महिलाओं ने छठ मइया के गीत गाकर खुशी मनाई। ढोलक-मंजीरा की थाप पर कबहुं न छूटी छठि मइया, हमनी से बरत तोहार, तहरे भरोसा हमनी के, छूटी नाही छठ के त्योहार। जैसे गीत गाकर छठि मइया को प्रसन्न किया। व्रती सविता ने बताया ने नई फसल आने की खुशी में भगवान भाष्कर व छठि मइया की पूजा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है।