अवैध मौरंग खनन को लेकर नगर पालिका बिंदकी में सीबीआइ खोजती रही पत्र
जागरण संवाददाता फतेहपुर सपा शासन काल में हुए अवैध मौरंग खनन मामले की जांच में जुटी सी
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : सपा शासन काल में हुए अवैध मौरंग खनन मामले की जांच में जुटी सीबीआइ की टीम की जांच खनिज कार्यालय से निकल मंगलवार को नगर पालिका बिंदकी कार्यालय पहुंच गई। सीबीआइ यहां पर सुबह करीब 11 बजे पहुंची तो कर्मचारियों में खलबली मच गई। बताया जा रहा है कि टीम उस समय शासन से जारी हुए एक पत्र की तलाश में लगी रही। चार घंटे तक यहां गहन छानबीन की। सीबीआइ के आने की जानकारी नगर पालिका को पहले ही थी, इस कारण सोमवार की रात दफ्तर खोलकर उस पत्र को तलाश करने का प्रयास किया गया।
बताते हैं कि नगर पालिका के तत्कालीन लिपिक के पास ही खनिज अधिकारी के कार्यालय के लिपिक का भी चार्ज था। इस दौरान खनन मामले से जुड़ा शासन से एक पत्र आया था। पत्र को नगर पालिका बिदकी भेज दिया गया था। सीबीआइ को जांच के दौरान पत्र का जो पत्रांक मिला है, वह डाक नगर पालिका बिदकी को भेजी गई है। अब उस डाक नंबर के आधार पर पत्र को खोजा जा रहा है। सोमवार को इस पत्र के बारे में नगर पालिका के अधिकारियों से पूछताछ हुई थी। देर शाम अधिशासी अधिकारी निरूपमा प्रताप कार्यालय बुलाई गई थीं।
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पट्टे के हिस्सेदारों के नामों की तलाश
अवैध मौरंग खनन में सीबीआइ को पट्टे के हिस्सेदार नामों की तलाश है। फाइलों के डीड के पन्ने गायब होने से सीबीआइ को दूसरे तरीके से साक्ष्य जुटाने पड़ रहे हैं। बताते हैं कि अंतिम चरण में चल रही जांच में टीम को कई ऐसे नामों का पता चला है जो पट्टों में शेयर होल्डर होने के साथ सिडीकेट के करीबी रहे। बसपा व सपा शासन काल में वर्ष 2007 से 2017 तक सिडीकेट के वर्चस्व के सीबीआइ को महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं। जिले में सिडीकेट के दफ्तर कहां से संचालित थे और हिसाब रखने वाले मुनीम का पता लगाने में टीम लगी रही। गायब दस्तावेज खोजने के लिए सीबीआइ ने तत्कालीन कार्य देखने वाले खनिज के लिपिकों से पूछताछ की।