Move to Jagran APP

आतिशबाजी से दूर रहेंगे व्यापरी, बचत कर करेंगे मदद

जागरण संवाददाता फतेहपुर दीपावली पर आतिशबाजी से निकलने वाली विषैले धुएं से लोगों को बचान

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 04:57 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 04:57 PM (IST)
आतिशबाजी से दूर रहेंगे व्यापरी, बचत कर करेंगे मदद

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : दीपावली पर आतिशबाजी से निकलने वाली विषैले धुएं से लोगों को बचाने के लिए व्यापारी आगे आए हैं। इन व्यापारियों ने संकल्प उठाया है कि वह पर्यावरण प्रहरी बनकर लोगों को जागरूक करेंगे। एक अपील पत्र लोगों के हाथ में सौंप कर पटाखे न फोड़ने के लिए राजी करेंगे। नगर उद्योग व्यापार मंडल के संस्थापक अध्यक्ष किशन मेहरोत्रा कहते हैं उन्होंने पटाखे न फोड़े जाने का बीड़ा उठा रखा है। पटाखे नहीं पौधारोपण कर मनाएं दीवाली

loksabha election banner

बढ़ता प्रदूषण जीवन के लिए घातक है। पर्यावरण का संरक्षण हम ही कर सकते हैं। पटाखों में जहां एक व्यक्ति हजारों रुपये पल भर में फूंक देता है। वहीं प्रदूषण बढ़ता है। हम सभी का दायित्व है कि पटाखों से दूरी बनाए और उसके स्थान पर पौधारोपण कर पर्यावरण को बचाने में योगदान दें।

किशन मेहरोत्रा पटाखों से दूरी बनाकर बने पर्यावरण प्रहरी

धुआं समाज के लिए घातक है। इससे तमाम तरह के रोग उत्पन्न होते हैं और व्यर्थ में हजारों-लाखों रूपये बर्बाद हो जाते हैं। इसलिए हम पटाखे नहीं फोड़ेंगे और दूसरों को जागरूक करेंगे। प्रदूषण में रोकथाम के लिए हर कोई योगदान दे सकता है। इसके लिए हमने पूरी कार्ययोजना बनाई है।

राजेश वर्मा पटाखे में रुपये फूंकने बजाए गरीबों की करें मदद

दीपावली पर पटाखों में धन को फूंकने के बजाए हम किसी गरीब के आंसू पोछने का काम कर सकते हैं। किसी गरीब कन्या के विवाह में मदद कर सकते हैं। खुद जुड़े और टोली बनाकर काम कर दूसरे लोगों को भी इस पुनीत कार्य में लोगों को जोड़े तो पर्यावरण भी बच जाएगा और एक पुण्य कार्य भी हो सकेगा।

प्रेमदत्त उमराव विषैली गैसों से वायुमंडल को दूषित होने से बचाएं

कल-कारखानों, वाहनों आदि से पहले ही वायुमंडल खासा प्रदूषित है। इसे हमें रोकना होगा। दीवाली की खुशियां तमाम तरह से मनाई जा सकती हैं। हम किसी गरीब के घर की खुशियों का हिस्सा बनकर बढ़ा सकते हैं। पटाखे फोड़कर हम कौन सा संदेश देना चाहते हैं। इसलिए सभी जागरूक हों और समाज में प्रेरणादाई कार्य करके संजीदा व्यक्तित्व का परिचय दें।

मनोज साहू

..............

विषैली गैसों से वायुमंडल की ऑक्सीजन होती प्रदूषित

पटाखों में कॉपर, कैडियम, लेड, मैग्नीशियम, सोडिएम, जिक, नाइट्रेट, नाइट्राइट जैसे रसायनों के मिश्रण से बनाए जाते हैं। आग के माध्यम से जब यह फोड़े जाते हैं तो कार्बन और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी विषैला धुआं निकलता है। यह धुआं वायुमंडल में मिल जाता है। इससे शुद्ध ऑक्सीजन गैस नहीं मिल पाती है। इससे सांस लेने में दिक्कत होती है तो चर्म रोग जैसी दिक्कतों से जूझना पड़ता है। वहीं इसके प्रभाव से ओजोन पर्त पर प्रभाव पड़ता है तो कि सभी तरह से नुकसान पहुंचाता है।

डॉ. सुरेश चंद्र राजवंशी, चिकित्सक जिला अस्पताल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.