बैंकों की अनदेखी के कारण नहीं मिल पा रहा योजना का लाभ
संवाद सूत्र बकेवर उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति व जनजाति वित्त विकास निगम द्वारा संचालित पंडित दीन
संवाद सूत्र, बकेवर : उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति व जनजाति वित्त विकास निगम द्वारा संचालित पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना का लाभ बैंकों की अनदेखी के कारण लाभार्थियों को नहीं मिल पा रहा है। ब्लाक से ऋण स्वीकृति लिए भेजी फाइलों को बैंकों में रद्द कर दिया जा रहा है।
सरकार ने गरीबी हटाने के लिए अनुसूचित जाति व जनजाति के प्रत्येक गरीब व्यक्ति को रोजगार देने की मंशा से पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्वरोजगार योजना के तहत लाभार्थी को एक लाख रुपये का ऋण उपलब्ध कराने की योजना संचालित कर रखी है। इस योजना का संचालन ब्लाक किया जाता है। इसके तहत लाभार्थी को एक लाख रुपये तक का ऋण बैंक को बिना किसी गारंटी के देना है। जिससे लाभार्थी भैंस/बकरी पालन, परचून की दुकान, सिलाई/कढ़ाई आदि काम कर सकता है। देवमई ब्लाक से चालू वित्तीय वर्ष में मार्च 2018 से जुलाई 2019 तक बैंकों को 37 लाभार्थियों की फाइलें ऋण स्वीकृत करने के लिए भेजी गई। बैंकों ने इसमें से अब तक सिर्फ 4 लाभार्थियों को ही ऋण स्वीकृत किया है। इसमें 8 फाइल बैंकों में अब भी लंबित हैं। अन्य सभी को रद कर दिया गया है। लाभार्थी बैंक के चक्कर काट कर थक हार कर घर में बैठ गए हैं। बैंकों में लाभार्थियों को जांच के नाम पर दौड़ाया जाता है। बैंक का नाम भेजी गई स्वीकृत निरस्त
बैंक ऑफ बड़ौदा देवमई 04 01 03
बैंक ऑफ बड़ौदा बकेवर 05 00 05
बैंक ऑफ बड़ौदा जहानाबाद 01 00 01
बैंक ऑफ बड़ौदा खदरा 01 00 01
एसबीआइ जहानाबाद 01 00 01
एसबीआइ बकेवर 06 00 06 लंबित
सेंट्रल बैंक जहानाबाद 02 00 02 लंबित
ग्रामीण बैंक शकूरा 01 00 01
ग्रामीण बैंक बकेवर 03 00 03
ग्रामीण बैंक भैसउली 01 00 01
ग्रामीण बैंक औंग 12 03 09 पंडित दीन दयाल स्वरोजगार योजना की सभी फाइलों को तैयार कर बैंक में लाभार्थी को ऋण उपलब्ध कराने के लिए भेजा जाता है। बैंकें इस काम में सहयोग नहीं कर रही हैं। किसी न किसी बहाने फाइल को लंबित कर दिया जाता है। बाद में उसे निरस्त कर देते हैं। इस कारण पात्रों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
राम प्रसाद भास्कर, एडीओ समाज कल्याण ब्लाक देवमई