एआरटीओ के लिपिकों के गठजोड़ से मालामाल होते दलाल
जागरण संवाददाता फतेहपुर एआरटीओ दफ्तर में दलाल हाल ही के दिनों से सक्रिय हुए हैं बल्कि वर्षों से सक्रिय है। वाहनों से संबंधित कार्य कराने आए दफ्तर को आवेदक को गेट पर ही अपने चंगुल में फंसा लेते है और उससे उगाही करते है। कई दलालों की पकड़ दफ्तर के लिपिकों से अच्छी खासी है। इधर तीन-चार माह से दलाल और भी सक्रिय हो गए थे जोकि दफ्तर के लिपिकों को साठगांठ करके जनता से उगाही तेज किए थे। इससे आजिज आकर कई आवेदक डीएम संजीव सिंह के सामने में कलेक्ट्रेट में पेश हुए और दलालों द्वारा उगाही किए जाने की शिकायत की।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : एआरटीओ दफ्तर में दलाल काफी अर्से से हावी चल रहे हैं। दलाली के इस खेल में दफ्तर के लिपिकों की पूरी हिस्सेदारी होती है। लिपिक इन दलालों के माध्यम से ही वसूली करते आ रहे हैं। वाहनों से संबंधित कार्य कराने आए दफ्तर को आवेदक को गेट पर ही अपने चंगुल में फंसा लेते हैं और उससे उगाही करते हैं। कई दलालों की पकड़ दफ्तर के लिपिकों से अच्छी खासी है। इधर तीन-चार माह से दलाल और भी सक्रिय हो गए थे, जोकि दफ्तर के लिपिकों को साठगांठ करके जनता से उगाही तेज किए थे। इससे आजिज आकर कई आवेदक डीएम संजीव सिंह के सामने कलेक्ट्रेट में पेश हुए और दलालों द्वारा उगाही किए जाने की शिकायत की। एआरटीओ दफ्तर में दलाल दशकों से सक्रिय हैं और इनके शिकार लोग होते रहते हैं। दलालों को दफ्तर से दूर हटाने का कोई निर्णय शासन व प्रशासनिक स्तर से न हो पाने की वजह से इनकी संख्या 200 के पार पहुंच गई है। जबकि प्रशासनिक अधिकारी सख्ती से कुछ दिन के लिए शांत हो जाते हैं, इसके बाद फिर आवेदकों से उगाही करना तेज कर देते हैं।
डीएम समेत कई अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी थी
विभागीय दफ्तर के सामने दलालों के लगे चैंबरों को हटाए जाने के लिए डीएम समेत विभागीय कई उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजी थी। जिसमें सभी बिदुओं का जिक्र किया गया था, लेकिन किसी प्रकार के दिशा निर्देश न मिलने से दलाल जमे रहे और जनता से उगाही जारी रही।
- एके त्रिवेदी, एआरटीओ प्रशासन
कुछ आवेदक भी पिटे
डीएम की छापेमारी के दौरान दफ्तर के अंदर घुसे कुछ आवेदक भी पुलिसिया कार्रवाई की जद में आ गए। इस दौरान दलालों पर चटखी लाठियों की चपेट में कुछ आवेदक भी आ गए। कई आवेदक चोटहिल भी हो गए।