Move to Jagran APP

प्रशासन हुआ बेपरवाह, सड़क पर दौड़ रहे अनफिट स्कूली वाहन

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: शहर से गांव तक खुले करीब 1860 निजी शिक्षण संस्थानों (1 से 12 तक

By JagranEdited By: Published: Sun, 11 Nov 2018 09:54 PM (IST)Updated: Sun, 11 Nov 2018 09:54 PM (IST)
प्रशासन हुआ बेपरवाह, सड़क पर दौड़ रहे अनफिट स्कूली वाहन
प्रशासन हुआ बेपरवाह, सड़क पर दौड़ रहे अनफिट स्कूली वाहन

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: शहर से गांव तक खुले करीब 1860 निजी शिक्षण संस्थानों (1 से 12 तक) में अनफिट व गैर पंजीकृत वाहनों का प्रयोग कर न सिर्फ यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है, बल्कि इन वाहनों के जरिए बच्चों की जान जोखिम भी डाली जा रही है। यह स्थित तब है जब छह माह पूर्व स्कूलों के वाहन जांचने के लिए कमेटियां गठित की जा चुकी है। अंधेर तो यह है कि गठित कमेटियां आज तक किसी स्कूल के वाहन जांचने नहीं पहुंची।

loksabha election banner

गली, चौराहा और नुक्कड़ पर खुले नर्सरी से इंटर कालेज तक वाले संस्थानों में यातायात नियमों को धता बताकर बच्चों को लाने व ले जाने के लिए ई-रिक्शा, मारुती वैन, बुलेरो, विक्रम, छोटी बसें, बड़ी बसें लगाई गयी है। अधिकांश स्कूलों में लगे इन वाहनों का पंजीयन न तो परिवहन विभाग में कराया गया है और न ही इनके ड्राइवरों की आंख की जांच नियमित रूप से होती है। बावजूद इसके यह मनमाने तौर स्कूलों में वाहन चलाकर बच्चों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों की बात की जाए तो विभाग के पास मात्र 251 बसें व 109 छोटे वाहन पंजीकृत हैं। लेकिन इनमें शत प्रतिशत वाहनों की फिटनेश जांच नहीं कराई गयी है।करीब 40 फीसद अनफिट वाहन की दौड़ रहे हैं। स्कूलों के वाहन चलाने वाले ड्राइवरों को प्रबंधतंत्र इतने कम पैसे देकर अपना काम निकलते है, जिससे अच्छे ड्राइवर मिलने ही मुश्किल है। डीएम ने स्कूली वाहनों की जांच के लिए एक जिला स्तर की कमेटी बनाई थी, जिसमें पुलिस, एआरटीओ, राजस्व, शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों को रखा गया था। इस कमेटी को स्कूल-स्कूल जाकर वाहनों के मानक की जांच करने के साथ उन पर कार्रवाई भी सुनिश्चित करनी थी। लेकिन अनदेखी के चलते यह टीम अपने दायित्वों को पूरा ही नहीं कर पाई है। अब डीएम आंजनेय कुमार ¨सह ने पुन: निर्देश जारी किए हैं जिसमें कहा गया है कि भ्रमण पर निकलने वाले प्रत्येक अफसर रोड पर चलने वाले स्कूली वाहनों को देखे और कमी मिलने पर सूचित करें। डीएम बोले ----

हम स्कूलों के वाहनों की जांच कराएंगे, किसी भी दशा में अनफिट वाहन दौड़ने नहीं दिए जाएंगे। स्कूल संचालकों को यातायात नियमों का पालन करना होगा। अगर स्कूल संचालक नियमों और मानकों की अनदेखी करते हैं तो उनके साथ सख्ती से निपटा जाएगा। - आंजनेय कुमार ¨सह डीएम स्कूल वाहनों के लिए यह हैं मानक

-स्कूली वाहन के लिए सक्षम अधिकारी से परमिट लेना चाहिए।

-वाहन में आन स्कूल ड्यूटी लिखाएं, सीट क्षमता पर बच्चे बैठाएं।

-वाहन के पीछे स्कूल नाम, चालक नाम, आपातकालीन नंबर अंकित हो।

-प्रत्येक वाहन में फास्टएड बाक्स अनिवार्य रूप से रखा जाए।

-वाहन में पुलिस, जिला कंट्रोल रूम, अग्निशमन सेवा, एंबुलेंस का नंबर अंकित हो।

-चालक के खिलाफ यातायात का अपराध पंजीकृत न हो उसे पांच वर्ष का अनुभव हो।

-प्रत्येक वाहन में ड्राइवर के साथ एक सहायक निर्धारित वर्दी में मौजूद रहे।

-चालक द्वारा इयर फोन या मोबाइल का प्रयोग वाहन चलाते समय वर्जित करें।

-साल में एक बार आंखों की जांच कराई गयी और उसकी आंख की रोशनी दुरस्त हो।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.