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बंद अस्पताल में हर दिन होता 40 मरीजों का उपचार

असोथर संवादसूत्र यमुना किनारे की सैबसी पीएचसी यूं तो महीनें में एक या दो बार ही खुलती है

By JagranEdited By: Published: Sat, 13 Apr 2019 08:24 PM (IST)Updated: Sat, 13 Apr 2019 08:24 PM (IST)
बंद अस्पताल में हर दिन होता 40 मरीजों का उपचार
बंद अस्पताल में हर दिन होता 40 मरीजों का उपचार

असोथर, संवादसूत्र: यमुना किनारे की सैबसी पीएचसी यूं तो महीनें में एक या दो बार ही खुलती है, अन्य दिनों में यहां ताला बंद रहता है, लेकिन अंधेर यह है कि बंद अस्पताल का ओपीडी रजिस्टर हर दिन 40-45 मरीजों को उपचारित किए जाने का सबूत पेश कर रहा है। इस पीएचसी क्षेत्र में सरकंडी ग्राम सभा के 365 डेरा व मजरे, राम नगर कौहन के दस गांव तथा जरौली के एक दर्जन गांव लगते हैं। अस्पताल में ताला लटकने के कारण बीमारों को उपचार के लिए या तो सरकारी अस्पताल असोथर जाना पड़ता है या फिर गांव की झोलाछाप डाक्टरों के यहां उपचार कराना पड़ता है।

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इस अस्पताल में बतौर चिकित्सक पद पर डॉ. कामरान और फार्मासिस्ट पद पर मनोज कुमार की तैनाती है। सैबसी के सुरेश साहू, सत्यदेव, शिवकरन, राम खेलावन, कंसापुर के खिचरा पासवान व रजवा पासवान बताते है कि अस्पताल नियमित नहीं खुलता। डॉक्टर साहब माह में एक दिन और फार्मसिस्ट माह में दो दिन आते है। अन्य दिनों में वह मुख्यालय ड्यूटी की बात कहते है। उधर पीएचसी का ओपीडी रजिस्टर बताता है कि यहां पर प्रतिदिन अस्पताल खुलता है और डाक्टर स्वयं मौजूद रहकर 40 से 45 मरीजों का उपचार कर उन्हें निश्शुल्क दवाएं भी देते है। सवाल यह है कि जब अस्पताल खुलता ही नहीं है तो आखिर जिन लोगों के नाम ओपीडी रजिस्टर में दर्ज है उनका उपचार कैसे कर दिया गया। गांव वालों का कहना है कि डाक्टर गांव की वोटर लिस्ट अपने पास रखे है और उसी से लोगों के नाम ओपीडी रजिस्टर में चढ़ाकर उन्हें बीमार बना देते है। अस्पताल की दवाएं गांवों के दुकानों में दी जाती है जहां उन्हें पैसे में दिया जाता है। ग्रामीणों के आरोपों की पड़ताल दैनिक जागरण ने शुक्रवार व शनिवार की, जिसमें अस्पताल में तालाबंद पाया गया।

क्या कहते है प्रभारी चिकित्सा अधिकारी

सैंबसी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. कामरान से जब उनसे इस बारे में बात की गयी तो उन्होंने कहा कि शुक्रवार व शनिवार को उनकी ड्यूटी असोथर पीएचसी में लगी थी, जिससे वह अपने तैनाती अस्पताल में सेवाएं नहीं दे पाए। अन्य दिनों में वह अस्पताल खोलते है और मरीज देखते है। गांव के कुछ लोग उनसे अवैध तरह की मांग करते है जिसे पूरा न करने पर वह अनर्गल आरोप लगाते है। सीएमओ ने बैठाई जांच, होगी कार्रवाई

सैबसी पीएचसी की इस हालत पर सीएमओ डॉ. उमाकांत पांडेय ने जांच बैठा दी है। उन्होंने कहा कि यहां पर डाक्टर तैनात है वह मरीजों को देखे जाने का दस्तावेज भी देते है। पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर डाक्टर समेत पूरे स्टाफ पर कार्रवाई होगी। चूंकि अगर मरीजों के नाम फर्जी चढ़ाए गए हैं तो यह सरकारी कूट रचना है इसके लिए मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।


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