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शहर विकास को लागू 22 साल पुराना मास्टर प्लान

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: बसावट किसी भी शहर की पहचान होती है, लेकिन शहर सुविधाओं

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 07:43 PM (IST)Updated: Tue, 17 Jul 2018 07:43 PM (IST)
शहर विकास को लागू 22 साल पुराना मास्टर प्लान
शहर विकास को लागू 22 साल पुराना मास्टर प्लान

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: बसावट किसी भी शहर की पहचान होती है, लेकिन शहर सुविधाओं से संपन्न रहे इसका इंतजाम विनियमित क्षेत्र व नगर विकास मिलकर करते हैं। अपने शहर के विकास को पहला मास्टर प्लान वर्ष 1963 बना था जिसके आधार पर शहर में सड़क, बाजार, खेल मैदान, पार्क जैसी सुविधाएं दी गयी थी। बढ़ती आबादी के कारण शहर घटती सुविधाओं को लेकर अपने यहां शहर विकास के लिए 1996 में नया मास्टर प्लान फतेहपुर महा विकास योजना के नाम से बनाया गया, जिसकी स्वीकृत विनियमित क्षेत्र नियंत्रक प्राधिकारी लखनऊ ने 19 फरवरी 1996 को दे दी थी। नगर पालिका में चेयरमैन व जिले की कुर्सी में अफसर बदलते रहे लेकिन यह स्वीकृत प्लान 22 साल तक लागू नहीं हुआ।

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फतेहपुर महा विकास योजना को मूर्ति रूप देने के लिए अफसरों ने पिछले महीने मंथन किया और इस योजना को लागू करने का जज्बा दिखाया। स्वीकृत मास्टर प्लान में शहर विकास के लिए नगर पालिका क्षेत्र की सीमाएं, विनियमित क्षेत्र की सीमाएं, जानवरों की मंडी, जल निकासी के लिए ड्रेनेज, रामलीला मैदान, स्टेडियम, पार्क, खुले स्थल, क्षेत्रीय पार्क, विद्युत उपकेंद्र, रेलवे भूमि, पुराने मार्गों की चौड़ाई, प्रस्तावित मार्गों के निर्माण, बस टर्मिनल, ट्रक टर्मिनल जैसी सुविधाओं के लिए ड्राइंग नाप जोख के साथ तैयार है। जिसका स्वीकृत आदेश व ब्लू ¨प्रट मौजूदा समय में नगर पालिका के पास है। 22 साल बाद लागू हो रहे मास्टर प्लान से अनेक लोगों का नुकसान हो रहा है, इसमें उनका गुस्सा भी लाजिमी है। विकास कार्यों के लिए तैयार ब्लू ¨प्रट आज का नहीं है बल्कि इसे 22 साल पहले ही तय कर दिया गया था अंधेर यह है कि अब तक यह लागू ही नहीं हुआ।

मास्टर प्लान के तहत हट रहा अतिक्रमण

-एसडीएम प्रेम प्रकाश तिवारी ने कहा कि कोई काम मनमाने ढंग से नहीं हो रहा है, जो मास्टर प्लान में स्वीकृत है वहीं किया जा रहा है। फिलहाल सड़कों से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। अनेक लोगों के घर व दुकाने अतिक्रमण के दायरे में आ रहे हैं। लेकिन जब उनकी बैनामा कापी देखी जा रही है तो यह बात साफ हो रही है कि अतिक्रमण के दायरे में आ रहे लोगों के पास बैनामा पीछे की जमीन का है, लेकिन जिस जगह अतिक्रमण गिराया जा रहा है वह बढ़कर बना है। अतिक्रमण हटाए जाने की अधिकृत सूची

1-ज्वालागंज चौराहे से लोधीगंज तक- 40 मीटर

2-ज्वालागंज चौराहे से राधानगर चौराहे तक- 40 मीटर

3-राधानगर चौराहे से गाजीपुर रोड में- 30 मीटर

4-नउवाबाग चौराहे से राधानगर चौकी तक- 30 मीटर

5-पक्का तालाब से भिटौरा बाईपास तक- 30 मीटर

6-तांबेश्वर चौराहे से जीटीरोड डाकबंगला तक- 24 मीटर

7-बाकरगंज चौकी से लखनऊ बाईपास चौराहे तक- 22 मीटर

8-नउवाबाग से दिल्ली दरबार से ज्वालागंज चौराहे तक- 22 मीटर

9-पत्थरकटा से नई तहसील चौराहे तक - 20 मीटर

10-डीएम आवास से तांबेश्वर चौराहे तक- 18 मीटर

11-शादीपुर चौराहे से गैस एजेंसी सपा कार्यालय तक- 18 मीटर

12-सदर अस्पताल से शादीपुर नाका तक- 16 मीटर

13-पत्थरकटा से मुराइनटोला होकर आर्य समाज तक- 16 मीटर

14-पटेल नगर चौराहे से वर्मा तिराहे तक- 16 मीटर

15-शादीपुर चौराहे से स्टेशन रोड हरिहरगंज पुल तक- 12 मीटर

16-बाकरगंज चौकी से चौक होकर वर्मा तिराहे तक- 10 मीटर

नोट-उपरोक्त दूरी दर्शाई गई सड़क की कुल दूरी है, दोनो तरफ के फुटपाथ नापने के लिए सड़क के मध्य से दोनो तरफ बराबर बराबर दूरी नापी जाएगी।


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