पुराने दुश्मन बन गए थे दोस्त
संवाद सूत्र, असोथर (फतेहपुर) : पुरानी रंजिश होने के बाद भी तीन साल से दोस्त बने कृष्णपाल व रामजीत के
संवाद सूत्र, असोथर (फतेहपुर) : पुरानी रंजिश होने के बाद भी तीन साल से दोस्त बने कृष्णपाल व रामजीत के बीच 1.80 लाख रुपये को लेकर मन में ऐसी दरार आई कि रामजीत ने साथी को रास्ते से हटाने का कदम उठा लिया। हत्या को लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चाएं है, लोग यही कहते रहे कि भाई के रुपयों को लेकर मृतक की नियत खराब हो गई थी। उधर सुरक्षा की दृष्टि से सीओ व एसओ ने पर्याप्त फोर्स की मुस्तैदी करा दी है।
सुजानपुर निवासी कृष्णपाल नोनिहां पड़ोसी गांव मनावां, सरकंडी व कौंडर में करीब 18 बीघा खेत बटाई में ले रखा था और उसी से कमाई कर पत्नी कौशल्या देवी व बेटों राजाभैया, ज्वाला, दुर्गेश, विकास व प्रीतम का गुजर बसर करता था। बताते हैं कि इन्हीं 18 बीघा खेत पर रामजीत नोनिहां के भाई राजकरन की निगाह पड़ गई थी, जिस पर राजकरन ने 1 लाख 80 हजार रुपये पखवारे भर पूर्व कृष्णपाल को खेत दिलाने के नाम पर दे दिए थे, लेकिन रुपये मिल जाने के बाद हिस्ट्रीशीटर की नियत बदल गई थी। मृतक के बड़े बेटे राजाभैया का कहना था कि खेत में धान की बेढ़ दिखाने के बहाने पड़ोसी रामजीत पिता को लिवा ले गया था जबकि पड़ोसी व पिता के बीच तीन वर्षों से गहरी दोस्ती थी।
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सीओ के समक्ष ग्रामीणों की सफाई
फतेहपुर : सुजानपुर पहुंचते ही सीओ कपिल देव ¨सह के समक्ष ग्रामीणों का कहना था कि पीड़ित परिवार ने रामजीत, राजकरन, शिवबोधन के साथ संतलाल व उसके रिश्तेदार कल्लू को फंसा दिया है, जबकि संतलाल व कल्लू का घटना से कोई लेना देना नहीं है, जिस पर सीओ ने सही विवेचना करने का आश्वासन दिया। सीओ श्री ¨सह का कहना था कि मुकदमा पंजीकृत हो गया है इसलिए अब विवेचना की जाएगी।
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पुलिस निगरानी पर था कृष्णपाल
फतेहपुर : कृष्णपाल नोनिहां जमीनी विवाद, जहरखुरानी, झगड़ा आदि में लिप्त था इसलिए इलाकाई पुलिस उसे अपराधिक घटनाओं में लिप्त होने की वजह से उस पर निगरानी लगा दी थी और हिस्ट्रीशीटर रजिस्टर में उसका नाम दर्ज कर लिया गया था। एसओ नरेंद्र ¨सह ने बताया कि मृतक अपराधिक घटनाओं में लिप्त रहता था इसलिए उसका नाम हिस्ट्रीशीटर रजिस्टर में दर्ज था।