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गोल्डन कार्ड के लिए भटक रहे डेढ़ लाख लाभार्थी

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: मोदी केयर के नाम से देश भर में सुर्खियां बटोरने वाली प्रधानमंत्री

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 11:13 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 11:13 PM (IST)
गोल्डन कार्ड के लिए भटक रहे डेढ़ लाख लाभार्थी
गोल्डन कार्ड के लिए भटक रहे डेढ़ लाख लाभार्थी

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: मोदी केयर के नाम से देश भर में सुर्खियां बटोरने वाली प्रधानमंत्री जन आरोग्य-आयुष्मान योजना का जिले में बुरा हाल है। चार माह बाद भी सेहत महकमा उन गरीबों को गोल्डन कार्ड तक मुहैया नहीं करा पाया जिनका चयन हुआ है। जिले में 1.75 लाख परिवारों में अब तक मात्र 21 हजार परिवारों को गोल्डन कार्ड दिया गया। इसी का नतीजा है कि गरीब आज भी जटिल बीमारी पर उपचार के लिए इधर-उधर भटक कर नर्सिग होमों में अपनी मेहनत की कमाई लुटा रहे हैं।

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योजना में चयनित प्रत्येक व्यक्ति का कार्ड बने, इसके लिए भारत सरकार ने सभी कॉमन सर्विस सेंटर को घर-घर जाकर कार्ड बनाने का निर्देश भी दिया है। जिले में करीब 640 कॉमन सर्विस सेंटर काम करने का दावा भी करते हैं। बावजूद इसके जिले में करीब 1.54 लाख परिवार योजना में चयनित होने के बाद भी लाभ नहीं पा रहे हैं। इस संबंध में सीएमओ डॉ. उमाकांत पांडेय ने बताया कि गांव स्तर पर कामन सर्विस सेंटर के बीएलई को गोल्डन कार्ड जनरेट करने का निर्देश है। इसके लिए वह 30 रुपये शुल्क भी ले सकते हैं, लेकिन लाभार्थी कार्ड पाने के लिए यह राशि भी खर्च नहीं कर रहे है। अब जिले स्तर पर तय किया गया है कि ब्लाकवार कैंप लगाकर चयनित लाभार्थियों के कार्ड बनाकर हैंडओवर किए जाएं।

136 मरीजों के इलाज में 28.58 लाख रुपये खर्च

23 सितंबर से आरंभ आयुष्मान योजना के तहत अब तक जिले में 136 मरीजों का उपचार पंजीकृत अस्पताल आभा नर्सिग, राम रतन, अनुभव हास्पिटल, ब्राडवेल मसीही अस्पताल, करुण जीवन ज्योति व जिला अस्पताल पुरुष, जिला अस्पताल महिला एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ¨बदकी में किया गया है। इन मरीजों के इलाज में 28.58 लाख का खर्च आया है। जिसका क्लेम अस्पतालों ने सरकार से किया है।

चार अस्पताल निरीक्षण में फेल

आयुष्मान योजना प्रभारी डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि जिले में अब तक आठ अस्पतालों को आयुष्मान योजना के तहत मान्यता दी गई है, जबकि सुमन नर्सिंग होम, श्याम नर्सिंग होम, स्नेह डेंटल खागा और स्नेह डेंटल ¨बदकी मानक पूर्ण न करने के लिए रिजेक्ट कर दिया गया। उन्होंने बताया श्याम नर्सिंग होम के निर्माणाधीन होने और गंदगी का उचित निपटान न होने के चलते रिजेक्ट किया गया। एक माह बाद स्टेट कमेटी इनका दोबारा मूल्यांकन करेगी।


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