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1.33 अरब खपे, नहीं बदले गांवों के हालात

जागरण संवाददाता फतेहपुर बदहाल गांवों की हालत सुधरे इसके लिए हर वर्ष राज्य एवं 14 वां ि

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 07:20 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 07:20 PM (IST)
1.33 अरब खपे, नहीं बदले गांवों के हालात
1.33 अरब खपे, नहीं बदले गांवों के हालात

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बदहाल गांवों की हालत सुधरे इसके लिए हर वर्ष राज्य एवं 14 वां वित्त की करीब डेढ़ अरब की पूंजी जिले की 840 गांव पंचायतों में पहुंचती है, लेकिन गांवों की तस्वीर फिर भी बदरंग हैं। गांव के मुख्य मार्ग से लेकर आंतरिक गलियां व नालियां तक बदहाली की कहानी बयां कर रही है। इसका बड़ा कारण है कि पंचायतें दी जाने वाली धनराशि को मनमाने ढंग से खर्च करती है। नतीजा यह है कि सरकार गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए पैसा भेज रही रही लेकिन गांवों की तस्वीर फिर भी बदरंग है।

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आप किसी भी ग्राम पंचायत की कार्य योजना उठाकर देख ले तो प्रधान व पंचायत सचिव गांव की मुख्य सड़क, आंतरिक गलियां, नालियां, स्कूल की बाउंड्री, स्कूल में रनिग वाटर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए धनराशि खर्च की है, लेकिन इन गांवों में मौके हालात यह है कि नालियां टूटी है। खड़ंजा व आंतरिक गलियों का पता नहीं है। स्कूलों की बाउंड्री वाल, रनिग वाटर, समेत अन्य कार्य भी आधे अधूरे पड़े हैं। कागजों में तो गांव स्मार्ट बन रहे लेकिन मौके के हालात किसी भी गांव में कार्य योजना से इतर है। यह हाल ऐसा तब है जबकि बीते एक वर्ष में बड़े पैमाने में पूंजी खर्च की जा चुकी है। सरकार का प्रयास है कि इस तरह की सुविधाएं देकर गांवों को स्मार्ट बनाया जाए। ताकि गांवों से पलायन रोका जा सके। लेकिन अब तक गांवों के हालात नहीं बदले। ..तो फिर जमा होगा प्रधान जी का बस्ता

-सीडीओ चांदनी सिंह ने गांवों में खर्च की धनराशि की जांच कराने का निर्णय लिया है। चुनाव बाद हर गांव का सघन पड़ताल की जाएगी और खर्च की गयी धनराशि के बदले क्या काम कराया गया इसकी पड़ताल होगी। जिन ग्राम पंचायतों में कामों में गड़बड़ी की गयी है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गड़बड़ी करने वाले प्रधानों का बस्ता भी तुरंत जमा कराकर वहां कार्यों को पूरा करने के लिए कमेटी गठित की जाएगी।

'गांव सभा के पास पैसा है, लेकिन काम कराने की कमजोर इच्छा शक्ति और काम को प्राथमिकता न देने के कारण गांव बदहाल है। अब हमने तय किया गया है पहले प्रमुखता वाले काम कराए जाएंगे इसके बाद ग्राम सभा अन्य कार्यों पर पैसा खर्च करेगी। मेरा मानना है कि इससे गांवों की दशा व दिशा सुधरेगी।' अजय आनंद सरोज डीपीआरओ वित्तीय वर्ष पर एक नजर

वित्तीय वर्ष का समय - 2018-2019

कुल ग्राम पंचायतें- 840

राज्य वित्त से भेजी गयी राशि- 32.47 करोड़

14 वित्त से भेजी गयी राशि- 1.01 अरब


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