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काम-धंधा छोड़ साबरमती स्पेशल ट्रेन से घर लौटे 1147 श्रमिक

काम-धंधा छोड़ साबरमती स्पेशल ट्रेन से घर लौटे 1147 श्रमिक

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 06:51 PM (IST)Updated: Sun, 10 May 2020 06:06 AM (IST)
काम-धंधा छोड़ साबरमती स्पेशल ट्रेन से घर लौटे 1147 श्रमिक
काम-धंधा छोड़ साबरमती स्पेशल ट्रेन से घर लौटे 1147 श्रमिक

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : लॉकडाउन के चलते अलग-अलग प्रदेशों में फंसे यूपी के श्रमिकों को लाने का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। शाम करीब पौने पांच बजे गुजरात के अहमदाबाद शहर से 1147 श्रमिकों को लेकर एक ट्रेन जिले पहुंची। 24 बोगियों की साबरमती स्पेशल ट्रेन जैसे ही स्टेशन पहुंची। इसमें सवार श्रमिकों की आंखें खुशी से चमक उठीं। स्टेशन में उतरने वालों में से 651 लोग जिले के तथा बिहार राज्य के अलावा यूपी के अलग-अलग नौ जिलों के 496 श्रमिक रहे। गैर जिले और राज्य वालों को रोडवेज बस से इनके मूल जिले के लिए रवाना किया गया।

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शाम करीब पौने पांच बजे पहुंची ट्रेन से यात्रियों को उतारकर प्लेटफार्म नंबर एक में हरिहरगंज रेलवे क्रॉसिग से आरपीएफ थाने तक पहले से ही बने सफेद गोलों में कतारबद्ध कर दिया। एक-एक श्रमिक को निकास गेट से निकाला गया। इसी गेट पर डिप्टी सीएमओ डॉ. संजय कुमार की देखरेख में पीपीई किट से लैस छह डाक्टरों ने थर्मल स्क्रीनिग की। स्क्रीनिग के दौरान किसी भी श्रमिक में कोरोना के लक्षण नहीं मिलने का टीम ने दावा किया। रस्सियों के सहारे बनाई गयी बैरीकेडिग के जरिये इन्हें स्टेशन के निकास गेट से लंच पैकेट, पानी की बोतल व दो-दो मास्क प्रदान किए गए। यात्रियों को सामग्री देने में काफी सतर्कता रही। सभी सामग्री को मेजों में रख दिया गया और निकलने वाले यात्रियों को दूर से निर्देशित किया गया है कि वह एक-एक पानी की बोतल व लंच पैकेट तथा दो-दो मास्क उठाएं। यात्रियों ने निर्देशों के अनुपालन में ऐसा ही किया। यहां पर डीएम संजीव सिंह, एसपी प्रशांत वर्मा, एडीएम पप्पू गुप्ता, एसडीएम सदर प्रमोद झा, सीओ सिटी केडी मिश्र, स्टेशन अधीक्षक आरके सिंह, सहायक आयुक्त रेलवे पीसी पंजाबी, शहर कोतवाली रवींद्र श्रीवास्तव, जीआरपी एसओ अरविद सरोज समेत कई थानों का फोर्स मुस्तैद रहा। बाल्टी में हाथ धुलवाए, सैनिटाइजेशन में ध्यान

-ट्रेन से उतरने वाले हर यात्री के हाथों को कीटाणु रहित करने के लिए हाईपोक्लोराइड सॉल्यूशन का घोल अलग-अलग 24 बाल्टियों में बनाकर रखा गया था। निकास गेट पर आने वाले हर छोटे-बड़े यात्री का हाथ पहले इसमें कोहनी तक डुबो कर धुलवाया गया। इसके बाद उन्हें बाहर निकलने दिया गया।

भागने से रोकने को यह रहा सुरक्षा घेरा

-ट्रेन से उतरने के बाद यात्री कहीं भाग न जाए इसके लिए सीओ सिटी के नेतृत्व में अभेद्य सुरक्षा घेरा बनाया गया था। प्लेटफार्म नंबर दो के संपूर्ण भाग में प्रवेश वर्जित किया गया था तो एक नंबर के पूरबी व पश्चिमी निकास बंद कर दिए गए थे। स्टेशन के बाहर हरिहरगंज में बैरियर लगाकर, रेलबाजार गली में बांस लगाकर व पुष्पराज होटल की तरफ बैरीकेडिग करके सभी रास्ते बंद कर दिए। एक मात्र रास्ता जैन मंदिर की तरफ निकलने की खोला गया।


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