दिमागी बुखार व डायरिया के बढ़े मरीज
फतेहपुर, जागरण प्रतिनिधि : मौसम का मिजाज बदला तो बीमारियां पैर पसारने लगी। लू के गर्म थपेड़ों, विद्युत की अघोषित कटौती व दूषित खानपान से दिमागी बुखार व डायरिया के मरीजों की तादात बढ़ रही है। पीएचसी व सीएचसी हास्पिटल से लेकर जिला चिकित्सालय के बेड मरीजों से भरे पड़े हैं।
शहर के आबूनगर मोहल्ले की कु. श्वेता पुत्री महेशचन्द्र (4 वर्ष) को रात से अचानक उल्टी दस्त होने पर उसे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। बच्ची की मां का कहना था कि भोजन करके बच्ची सोई लेकिन फिर बिजली चली गई जिससे पंखा न चलने पर उसे डायरिया हो गया। इसी प्रकार जाफरगंज थाने के नयापुरवा गढ़ी की रेशमा (21 वर्ष) को डायरिया हो गया। थरियांव थाने के बिलंदा निवासी रवि (7 वर्ष) पुत्र बसंतलाल एंव खखरेडू थाने के दरियामऊ गांव के 5 वर्षीय संदेश पुत्र चन्द्रभूषण को बुधवार से उल्टियां शुरु होने पर हास्पिटल लाया गया।
हुसेनगंज थाने के तरकदेमऊ निवासी शिवपजून (14 वर्ष) पुत्र नरेन्द्र को बुखार चढ़ा फिर बुखार दिमाग में चढ़ गया। इसी प्रकार शहर के पीरनपुर निवासी अनिल (11 वर्ष) को दिमागी बुखार हो गया। शहर के मसवानी मोहल्ला निवास कु. फात्मा (10 वर्ष) पुत्री इसराइल उल्टी दस्त से पीड़ित होकर अपना इलाज करा रही है। पीड़ित परिजनों का आरोप था कि कुछ दवाएं चिकित्सक बाहर की लिख देते हैं जिससे उन दवाओं में काफी पैसा खत्म हो जाता है। सीएमएस डा. यतीन्द्र नाथ तिवारी का कहना था कि गर्म मौसम में बाहर निकलें तो कान-मुंह ढके रहे। कहा कि अस्पताल में पर्याप्त दवाईयां हैं वही दवाई मरीजों को मुहैया कराई जाती हैं। कभी कभी कुछ दवाएं नही रहती हैं। हालांकि चिकित्सक विनय बाजपेयी ने सतर्क रहने के लिए सलाह भी दिए हैं।
सलाह
* धूप में कान व चेहरा ढककर निकले
* हाथ धुलकर ही खानपान करें
* मादक पदार्थो के सेवन से बचे
* मच्छरदानी लगाकर सोएं
* बासी भोजन कतई न करें
दूषित खानपान से बचें
* बुखार चढ़ने पर गीले कपड़े से शरीर को पोंछे
* पैरासिटामोल टेबलेट खा हास्पिटल पहुंचे
* मलेरिया व वायरल फीवर की जांच कराए
* दस्त में बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाए रहे।
* दूषित खानपान से बच्चों को बचाए और खुद बचें।
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