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वाह-री गेहूं खरीद! 1.78 फीसद किसानों से 61.03 लक्ष्य पूर्ण

जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद किसान को बिचौलियों से बचाने की शासन की सारी कोशिश धरी रह

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 06:47 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 06:03 AM (IST)
वाह-री गेहूं खरीद! 1.78 फीसद किसानों से 61.03 लक्ष्य पूर्ण

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : किसान को बिचौलियों से बचाने की शासन की सारी कोशिश धरी रह गई। जिम्मेदारों ने मात्र 1.78 फीसद किसानों से गेहूं खरीद का 61.03 लक्ष्य पूर्ण कर लिया। कोरोना महामारी और लॉकडाउन से जूझ रहे किसान की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री ने मोबाइल केंद्रों के माध्यम से गेहूं खरीद किए जाने के निर्देश दिए थे। हालांकि अधिकारियों ने इसे उपेक्षा और औपचारिकाताओं में ऐसा उलझाया कि किसान मजबूर होकर आढ़तियों और बिचौलियों की चौखट पर लुटने को मजबूर हो गए।

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कृषि विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार जनपद में कुल 2.21 लाख किसान पंजीकृत हैं। जिन्हें किसान सम्मान निधि की धनराशि दी जाती है। इनमें 1,85,102 सीमांत और 30,262 लघु कृषक हैं। 5,792 बड़े किसान हैं। आलू के बाद गेंहू जनपद की मुख्य फसल है। जबकि जनपद में गेहूं खरीद के विपणन विभाग के जागरण के पास उपलब्ध आंकड़ों पर नजर डालें तो कुल 36,500 मीट्रिक टन के लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक हुई 61.03 फीसद खरीद मात्र 3963 किसानों से पूरी कर ली गई। जाहिर है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन से जूझ रहे आम किसान की सरकारी खरीद में भागीदारी ही नहीं हुई। किसानों की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री ने किसानो से उनके खलिहान पर जाकर खरीद के निर्देश दिए थे। विपणन विभाग के अधिकारियों ने नियमों और औपचारिकताओं में उलझा कर योजना की हवा ही निकाल दी। शासन की ओर से गेहूं के लिए 1925 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। इसके बावजूद किसान मात्र 1780 रुपए में गेहूं को आढ़तियों को बेचने को मजबूर हैं। खलिहान पर जाकर गेहूं खरीदने की योजना फ्लाप

कमालगंज के गांव बझेरा निवासी जयपाल सिंह ने सात जून को केंद्र प्रभारी गिरीश चंद्र को फोन कर उनके पास उपलब्ध करीब 225 क्विटल गेहूं बिक्री होने की सूचना दी थी। 20 दिन बीत जाने के बावजूद गेहूं क्रय केंद्र से कोई भी कर्मचारी किसान के यहां नहीं गया। उन्होंने बताया कि केंद्र प्रभारी से जब फोन पर संपर्क किया तो बताया कि वाहन की व्यवस्था न हो पाने के कारण नहीं आ सके हैं। किसान ने बताया कि इस बाबत वह मुख्यमंत्री से शिकायत कर जमीनी हकीकत बताएंगे। केंद्र प्रभारी गिरीश चंद्र ने बताया कि शासन से खेत-खलिहान से खरीद के आदेश मिले हैं, लेकिन गेहूं को केंद्र तक कैसे लाया जाएगा। इसकी कोई गाइड लाइन प्राप्त नहीं हुई है। गाइड लाइन आते ही वाहन की व्यवस्था की जाएगी। हालांकि गेहूं खरीद की अंतिम तिथि 30 जून निर्धारित है।

नवाबगंज बाईपास रोड पर साधन सहकारी समिति कनासी के सरकारी गेंहू खरीद केन्द्र प्रभारी बीर सिंह यादव ने बताया कि अब तक 80 किसानों से 3419 क्विटल गेंहू की खरीद की जा चुकी है। अभी तक किसी भी किसान से खलिहान से गेहूं नही खरीदा गया है। वहीं शमसाबाद की विपणन प्रभारी नीरू का कहना है कि उनके यहां आठ मीट्रिक टन के सापेक्ष सात मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है। खलिहान पर जाकर कोई खरीद नहीं हुई। राजेपुर ब्लाक के मार्केटिग इंस्पेक्टर सावन कुमार ने बताया कि अभी किसी भी किसान से मोबाइल केंद्र योजना में खरीद नहीं की गई। गेहूं खरीद के आंकड़े भी गोपनीय

जिला खाद्य विपणन अधिकारी विवेक कुमार ने बताया कि मोबाइल केंद्रों के माध्यम से खरीद की गई है। हालांकि खरीद के आंकड़े अभी अद्यतन नहीं हैं। सभी संस्थाओं से सूचनाओं को संकलित करने पर 30 जून को ही पता चलेगा कि कितनी खरीद हुई। उन्होंने गेहूं खरीद में किसी भी स्तर पर विभागीय लापरवाही से इन्कार किया। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जिला प्रशासन की ओर से उन्हें गेहूं खरीद की सूचनाओं को गोपनीय रखने के निर्देश हैं।


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