विश्व तंबाकू निषेध दिवस: तंबाकू सेवन करने वालों के लिए कोरोना और घातक
जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद खतरों को जानने के बावजूद लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। कंपनि
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : खतरों को जानने के बावजूद लोग तंबाकू का सेवन करते हैं। कंपनियों द्वारा पान मसाला और सिगरेट के रेपर पर तंबाकू से कैंसर की चेतावनी और भयावह चित्र भी छापा जाता है। इसके बावजूद लोग नहीं मानते। जबकि चिकित्सकों की मानें तो तंबाकू सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता घटती है और व्यक्ति कोरोना की चपेट में ज्यादा आसानी से आता है।
जनपद में सिगरेट, गुटखा और तंबाकू का कारोबार हर माह लगभग एक करोड़ रुपये से अधिक का होता है। कोरोना महामारी की चेन तोड़ने के लिए कोरोना कर्फ्यू लगाया। इस लॉकडाउन में भी पान मसाला और सिगरेट की बिक्री ब्लैक में खूब की गई। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. वंदना सिंह ने बताया कि तंबाकू और सिगरेट के सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। जिस पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। कोरोना उन्हीं लोगों पर प्रभावी होता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। धूम्रपान से फेफड़े खराब होना, सांस लेने में दिक्कत, मुंह में कैंसर, जीभ का कैंसर, मुंह में छाले, अल्सर, पेट में घाव, लीवर, गुर्दा आदि बीमारियां हो जाती हैं। उन्होंने तंबाकू न खाने की सलाह दी है। तंबाकू छोड़ने के लिए नियुक्त किए गए हैं काउंसलर
तंबाकू छोड़ने के लिए जनपद के जिला अस्पताल और सीएचसी में काउंसलर की तैनाती की गई है। यहां तक सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू का सेवन करने पर जुर्माना भी वसूला जाता है।